वैद्या का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- नीड़ छोड़ कर पर फैलाये पक्षी दूर दूर तक उड़ते शाम ढले उन सबका स्वागत स्नेह भाव से करते पत्ते बहुत सुन्दर सन्देश देती हुई रचना , आदरणीय वैद्या जी ! किन्तु अफ़सोस इस बात का है की धीरे धीरे ये सब कहीं ख़त्म न हो जाये और पक्षियों की चहचाहट हम भूल न जायें ! बहुत सुन्दर रचना !