व्यंग्यार्थ का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- यह व्यंग्यार्थ अभिधेयार्थ तथा लक्षणा अभिव्यक्ति अर्थ से भिन्न होता है।
- वाच्यार्थ में अथवालक्ष्यार्थ या व्यंग्यार्थ में ? इसका बेधड़क उत्तर यही है
- यह व्यंग्यार्थ अभिधेयार्थ तथा लक्षणा अभिव्यक्ति अर्थ से भिन्न होता है।
- व्यंग्यार्थ में वाच्यार्थ से अतिशयता हो अर्थात् उत्तम काव्य , (2) जिसके
- अब इस व्यंग्यार्थ पर पहुँचे कि ' नेत्र मीन के समान हैं'।
- दोनों में अभिधेयार्थ गौण और लक्ष्यार्थ तथा व्यंग्यार्थ प्रधान होते हैं।
- उक्त अर्थ में जो कुछ कोष्ठक में लिखा है वह व्यंग्यार्थ है।
- प्रकार वाच्यार्थ के प्रस्तुत और व्यंग्यार्थ के अप्रस्तुत होने से ऐसी जगह
- व्यंग्यार्थ तक पहुँच केवल साहित्यिक रूढ़ि के अभ्यास पर अवलंबित रहती है।
- इससे कविता के व्यंग्यार्थ / व्यंजनार्थ-ग्रहण में बाधा आयी है ! ..