शठता का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- वह हैं इसीलिए इस प्रवंचना , शठता, मिथ्याचार व आसक्ति से भरी पृथ्वी पर आज भी पाप-पुण्य का ज्ञान बाकी है, भगवान के नाम में आस्था है, चांद निकलता है, तारे चमकते हैं और वनकुसुम कीगंध से अंधकार सुवासित होता है.
- जो मनुष्य अपने परिवार में उदारता , दुर्जनों के साथ शठता , सज्जनों से प्रेम , दुष्टों में अभिमान , विद्वानों में कोमलता , शत्रुओं में वीरता , गुरुजनों में क्षमा और स्त्रियों में धूर्तता का व्यवहार करते हैं ।
- चमचौड़ कुत्ते की दुकान में धेला न होना , लोमड़ी की शठता की पोल खुलना , शेरों का जंगल से पलायन , बाघ का कभी हाथ न आ सकना , इतने सारे दर्द , मगर पापी पेट का क्या करे लोमड़ी बेचारी ?
- धन चाहे वो जेब में रखो या घर मे , देश में रखो या स्विट्जरलैंड में, धन तो धन ही है, वह काला-गोरा कहाँ से हुआ ? इस तरह के भ्रष्ट हरामखोरों के पास वाक्-चातुर्य और शठता तो होती है, मगर खोपड़ी नहीं होती.
- सच बात तो यह है की , आज हमें अमेरिका से दादागीरी , अंग्रेजों की चतुराई , जापान का देश प्रेम , इसरायल की हिम्मत , सउदी अमीरात की अमीरी , चाइना की शठता , जैसी कठोर नीति अपनाने की जरुरत है ।
- चित्त के मल ये हैं , जिन्हें 'उपक्लेश' भी कहा जाता है :- 1. विषमलोभ, 2. द्रोह, 3. क्रोध, 4. पाखंड, 5. अमर्ष, 6. निष्ठुरता, 7. ईर्ष्या, 8. मात्सर्य, 9. ठगना, 10. शठता, 11. जड़ता, 12. हिंसा, 13. मान, 14. अतिमान, 15. मद और 16.
- मुझे आरक्षित देखकर वही हवा चतुराई से नीचे मैदान में संसार के मनुष्यों के शठता भरे ढंगों , सतत चलती कलहों , उन्मादों तथा घृणाओं , धर्म के नाम पर हठधर्मी , राजनीति में व्याभिचार और आदर्शों से पतन की ओर संकेत करती ।
- धन चाहे वो जेब में रखो या घर मे , देश में रखो या स्विट्जरलैंड में , धन तो धन ही है , वह काला-गोरा कहाँ से हुआ ? इस तरह के भ्रष्ट हरामखोरों के पास वाक्-चातुर्य और शठता तो होती है , मगर खोपड़ी नहीं होती .
- कर चुके बहुत अनशन अन्ना ये कंश दशानन राजा हैं | मर जायें भले अब योग गुरु ये शर्म बिना बिन लाजा हैं || ये शठ हैं शठता से मानें उपदेश यही अब ताजा है | तू शीघ्र छोड़ अब गद्दी को नर इन्द्र बना अब राजा है ||
- क्योंकि अपनी बौद्धिक शठता के द्वारा ये लोग राजनीतिक शक्ति को अपनी तरफ कर सकते हैं और दुसरे समझौतापरक रास्ते के द्वारा सामाजिक अधिरचना में उंचा स्थान ले सकते हैं और भारतीय कला और रंगमंच का नेतृत्व कर सकते हैं और आम जनता की आवाज को दबाया जा सकता है ।