शतधन्वा का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- अब सत्राजित भी अपने भाई प्रसेन की तरह क्यों न यमपुरी में जाय ? ' शतधन्वा पापी था और अब तो उसकी मृत्यु भी उसके सिर पर नाच रही थी।
- अब सत्राजित भी अपने भाई प्रसेन की तरह क्यों न यमपुरी में जाय ? ' शतधन्वा पापी था और अब तो उसकी मृत्यु भी उसके सिर पर नाच रही थी।
- अपनी प्रिय सत्यभामा का प्रिय कार्य करके भगवानश्रीकृष्ण द्वारका लौट आये और उनको यह समाचार सुना दिया कि शतधन्वा को मार डाला गया , परन्तु स्यमंतकमणि उसके पास न मिली।
- शतधन्वा पैदल ही भाग रहा था , इसलिए भगवान ने पैदल ही दौड़कर अपने तीक्ष्ण धार वाले चक्र से उसका सिर उतार लिया और उसके वस्त्रों में स्यमंतक मणि को ढूँढा।
- जब शतधन्वा को ज्ञात हुआ कि श्रीकृष्ण ने उसे बंदी बनाने का आदेश दे दिया है तो वह भयभीत होकर कृतवर्मा और अक्रूर के पास गया और उनसे सहायता की प्रार्थना की।
- उनका अतिथि-सत्कार करने के बाद श्रीकृष्ण प्रेम भरे स्वर में बोले-“चाचाश्री ! मैं पहले से ही जानता था कि शतधन्वा स्यमंतक मणि आपके पास छोड़ गया है, किंतु हमें उसकी आवश्यकता नहीं है।
- जब शतधन्वा को ज्ञात हुआ कि श्रीकृष्ण ने उसे बंदी बनाने का आदेश दे दिया है तो वह भयभीत होकर कृतवर्मा और अक्रूर के पास गया और उनसे सहायता की प्रार्थना की।
- उन्हें अपने ससुर की हत्या की सूचना मिली , तो उन्होंने शतधन्वा का पीछा किया और मिथिला प्रदेश में सुदर्शन चक्र से उसका सिर काट डाला, पर स्यमंतक मणि उसके पास नहीं मिली।
- जब शतधन्वा को यह मालूम हुआ कि भगवान श्रीकृष्ण मुझे मारने का उद्योग कर रहे हैं , तब वह बहुत डर गया और अपने प्राण बचाने के लिए उसने कृतवर्मा से सहायता माँगी।
- उनका अतिथि-सत्कार करने के बाद श्रीकृष्ण प्रेम भरे स्वर में बोले- “ चाचाश्री ! मैं पहले से ही जानता था कि शतधन्वा स्यमंतक मणि आपके पास छोड़ गया है , किंतु हमें उसकी आवश्यकता नहीं है।