शांखायन का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- [ 2] धर्मसूत्रगत उपनयन, अनध्याय, स्नातक के व्रतों और पञ्चमहायज्ञों से सम्बद्ध प्रकरणों का शांखायन गृह्यसूत्रगत तद्विषयक सामग्री से बहुत सादृश्य है।
- इसमें 5 शाखाएँ हैं - शाकल्प । वास्कल । अश्वलायन । शांखायन । मंडूकायन । यजुर्वेद - यजुर्वेद का अर्थ ।
- 18 “ style = color : blue > * / balloon > एवं शांखायन गृह्यसूत्र balloon title = ” शांखायन गृह्यसूत्र , 1 ।
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- मुख्य आरण्यक पाँच हैं : 1 ) ऐतरेय , 2 ) शांखायन , 3 ) बृहदारण्यक , 4 ) तैत्तिरीय और 5 ) तवलकार।
- ऐतरेय तथा शांखायन ऋग्वेद से , बृहदारण्यक शुक्ल यजुर्वेद से , मैत्रायणी उपनिषद् आरण्यक कृष्ण यजुर्वेद से तथा तवलकार आरण्यक सामवेद से सम्बद्ध हैं।
- ऋग्वेदको जिन २१ शाखाहरूको वर्णन मिल्दछ , उनमादेखि चरणव्युह ग्रन्थका अनुसार पाँच नैं प्रमुख छन्- १. शाकल, २. वाष्कल, ३. आश्वलायन, ४. शांखायन र माण्डूकायन।
- 6 । 1 “ style = color : blue > * / balloon > , शांखायन गृह्यसूत्र balloon title = ” शांखायन गृह्यसूत्र , 3 ।
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