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श्वासोच्छवास का अर्थ

श्वासोच्छवास अंग्रेज़ी में मतलब

उदाहरण वाक्य

  1. मोटे तौर पर प्राणायाम श्वासोच्छवास की एक व्यायाम पद्धति है , जिससे फेफड़े मजबूत होते , रक्त संचार की व्यवस्था सुधारने से समग्र आरोग्य एवं दीर्घ जीवन का लाभ मिलता है ।।
  2. अंडे के ऊपरी भाग पर हजारो सूक्ष्म छिद्र होते है जिनमे अनिषेचित अंडे का जीव श्वास लेता है ” , जब तक श्वासोच्छवास की क्रिया होती है , अंडा सडन-गलन से मुक्त रहता है।
  3. आसन शरीर के पांच मुख्यांगों , स्नायु तंत्र , रक्ताभिगमन तंत्र , श्वासोच्छवास तंत्र की क्रियाओं का व्यवस्थित रूप से संचालन करते हैं जिससे शरीर पूर्णत : स्वस्थ बना रहता है और कोई रोग नहीं होने पाता।
  4. आसन शरीर के पांच मुख्यांगों , स्नायु तंत्र , रक्ताभिगमन तंत्र , श्वासोच्छवास तंत्र की क्रियाओं का व्यवस्थित रूप से संचालन करते हैं जिससे शरीर पूर्णत : स्वस्थ बना रहता है और कोई रोग नहीं होने पाता।
  5. मानव शरीर में 2 प्रकार के तंत्रिका तंत्र होते हैं- 1 . अनुकम्पी ( Sympathatic) तंत्रिका तंत् र, जिसे फ्लाइट और फाइट तंत्र कहते है ं, क्योंकि यह रक्तचा प, श्वासोच्छवास दर तथा शरीर में स्ट्रेस हार्मोन का प्रवाह बढ़ाता है।
  6. इस तंत्र के अत्यधिक उत्तेजित हो जाने पर अल्सर , माइग्रेन और ह्रदय संबंधी गंभीर बीमारियाँ भी हो सकती हैं . 2 . परानुकम्पी ( Parasympathatic ) तंत्रिका तंत्र रक्त-चाप , श्वासोच्छवास दर तथा स्ट्रेस हार्मोन का प्रवाह कम करता है .
  7. इस तंत्र के अत्यधिक उत्तेजित हो जाने पर अल्सर , माइग्रेन और ह्रदय संबंधी गंभीर बीमारियाँ भी हो सकती हैं . 2 . परानुकम्पी ( Parasympathatic ) तंत्रिका तंत्र रक्त-चाप , श्वासोच्छवास दर तथा स्ट्रेस हार्मोन का प्रवाह कम करता है .
  8. मानव शरीर में 2 प्रकार के तंत्रिका तंत्र होते हैं : 1 . अनुकम्पी ( Sympathatic ) तंत्रिका तंत्र , जिसे फ्लाइट और फाइट तंत्र कहते हैं , क्योंकि यह रक्त-चाप , श्वासोच्छवास दर तथा शरीर में स्ट्रेस हार्मोन का प्रवाह बढ़ाता है .
  9. मानव शरीर में 2 प्रकार के तंत्रिका तंत्र होते हैं : 1 . अनुकम्पी ( Sympathatic ) तंत्रिका तंत्र , जिसे फ्लाइट और फाइट तंत्र कहते हैं , क्योंकि यह रक्त-चाप , श्वासोच्छवास दर तथा शरीर में स्ट्रेस हार्मोन का प्रवाह बढ़ाता है .
  10. यों साधारणतया साँस की गहराई तक खींचने ( पूरक ) रोके रहने ( अन्तःकुम्भक ) पूरी तरह बाहर निकालने ( रेचक ) और कुछ देर बिना साँस के रहने ( बाह्य कुम्भक ) इस चार स्तर में बढ़ी हुई श्वासोच्छवास प्रक्रिया को प्राणायाम कहा जाता है ।।
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