षट्कर्म का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- आप षट्कर्म का प्राण समझिए और अध्यात्म की भूमिका में प्रवेश कीजिए और गायत्री उपासना के दरवाजे को खोलिए।
- हठयोग में चित्त शुद्धि के लिए नेति , धौति , नौलि , वस्ति , कपालभाति तथा त्रााटक रूपी षट्कर्म होते हैं।
- षट्कर्म के अंतर्गत ६ कियों का वर्णन है - नेति , धौति , नौलि , बस्ति , कपालभाति और त्राटक ।
- इन्हें हठ योग के सप्तांग भी कहा जाता है , जो इस प्रकार हैं- षट्कर्म, आसन, मुदा, प्रत्याहार, प्राणायाम, ध्यान और समाधि।
- 44 हजार वर्ग फीट का विशालकाय पंचकर्म व षट्कर्म केन्द्र , जहाँ लगभग 1000 व्यक्ति प्रतिदिन पंचकर्म व षट्कर्म का लाभ प्राप्त कर सकेंगे।
- 44 हजार वर्ग फीट का विशालकाय पंचकर्म व षट्कर्म केन्द्र , जहाँ लगभग 1000 व्यक्ति प्रतिदिन पंचकर्म व षट्कर्म का लाभ प्राप्त कर सकेंगे।
- सार्वजनिक और सार्वदेशिक शास्त्र तंत्र विभिन्न साधनक्रमों , अंतर्यांग, बहिर्यांग, षट्कर्म, ध्यानयोग आदि के अधिकारों का विधान मानव कल्याण के लिए ही करते हैं।
- निर्धारित क्रम से मङ्गलाचरण , षट्कर्म, संकल्प, यज्ञोपवीत परिवर्तन, कलावा, तिलक एवं रक्षा-विधान तक का क्रम पूरा करके विशेष कर्मकाण्ड प्रारम्भ किया जाए ।
- निर्धारित क्रम से मङ्गलाचरण , षट्कर्म, संकल्प, यज्ञोपवीत परिवर्तन, कलावा, तिलक एवं रक्षा-विधान तक का क्रम पूरा करके विशेष कर्मकाण्ड प्रारम्भ किया जाए ।
- निर्धारित क्रम से मङ्गलाचरण , षट्कर्म, संकल्प, यज्ञोपवीत परिवर्तन, कलावा, तिलक एवं रक्षा-विधान तक का क्रम पूरा करके विशेष कर्मकाण्ड प्रारम्भ किया जाए ।