षड्ज का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- संगीतशास्त्र में सात स्वर माने गये हैं - षड्ज , ऋषभ , गान्धार , मध्यम , पञ्चम , धैवत और निषाद।
- विपंची वीणाविपंची में नौ तार होते थे जिन पर क्रमशः षड्ज , रिषभ, गान्धार, माध्यम, पंचम, धैवत एवं निषाद की स्थापना की जाती थी.
- षड्ज , गांधार, मध्यम, पंचम, धैवत व निषाद स्वर-नामों के पहले अक्षर लेकर इन्हें सा, रे ग, म, प, ध और नि कहा गया।
- और निषादमें मुझे विषाद सुनाई देता है . ..इस लिए वो नाम कुछ कम पसंद है पर षड्ज आज भी दिल के करीब .....
- मध्यम ग्राम में मध्यम ग्राम में मध्यम चतु : श्रुति, पंचम त्रिश्रुति, धैवत चतुश्रुति, निषाद द्विश्रुति, षड्ज चतु:श्रुति, ऋषभ त्रिश्रुति, एवं गांधार द्विश्रुति होता है।
- संहति में कई स्वरों का मधुर मेल होता है , जैसे स , ग , प ( षड्ज , गांधार , पंचम ) की संगति।
- उद्रातुकामा - क्योंकि यक्ष-पत्नी देवयोनि की थी , इसलिये गान्धार ग्राम में गाने की इच्छा रखती थी , जबकि मनुष्य षड्ज या मध्यम ग्राम में गाते हैं।
- एक व्याख्या के अनुसार जैसे षड्ज की उत्पत्ति छः स्थानों [ नासिका , कंठ , उर , तालु , जिह्वा , दंत ] से होती है .
- शायद प्रभाववादी संगीतकारों द्वारा प्रयुक्त सबसे उल्लेखनीय नवोन्मेष दीर्घ सप्तम तार का पहला प्रयोग और तार संरचना का गांधार से पंचम और षड्ज स्वरसंगति तक विस्तार रहा है .
- रवि मुख्य गृह है इसी दृष्टिकोण से यदि संगीत के विषय में देखा जाये तो ‘ सा ' अथवा षड्ज को सभी स्वरों का पिता माना गया है।