संवर्त का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- ‘ हिन्दी प्रचारक संस्थान ' , वाराणसी ( ‘ जिजीविषा ' ) , ‘ लोकभारती प्रकाशन ' , इलाहाबाद ( ‘ संवर्त ' ) , ‘ किताब महल ' , इलाहाबाद ( ‘ जूझते हुए ' ) , आदि कुछेक नामी प्रकाशकों ने जो प्रकाशित किया ;
- सन् १ ९ ७ २ में , जब मैं ‘ शासकीय महाविद्यालय , मंदसौर ' में पदस्थ था , ‘ लोकभारती प्रकाशन , इलाहाबाद ' के मालिक मुझसे मिलने आए और ‘ संवर्त ' नामक मेरा नया कविता-संकलन प्रकाशनार्थ ले गये और सन् १ ९ ७ २ में ही उसे प्रकाशित कर दिया।
- हिन्दी की तत्कालीन तीनों काव्य-धाराओं अर्थात् राष्ट्रीय काव्य-धारा , उत्तर छायावादी गीति-काव्य, प्रगतिवादी कविता से सम्पृक्त श्री भटनागर जी की प्रकाशित और चर्चित कृतियाँ है - तारों के गीत, विहान, अन्तराल, अभियान, बदलता युग , टूटती श्रृंखलाएँ, नयी चेतना, मधुरिमा, जिजीविषा, संतरण, संवर्त, संकल्प, जूझते हुए, जीने के लिए, आहत युग, अनुभूत-क्षण, मृत्यु-बोध : जीवन-बोध, और राग-संवेदन ।
- हिन्दी की तत्कालीन तीनों काव्य-धाराओं अर्थात् राष्ट्रीय काव्य-धारा , उत्तर छायावादी गीति-काव्य , प्रगतिवादी कविता से सम्पृक्त श्री भटनागर जी की प्रकाशित और चर्चित कृतियाँ है - तारों के गीत , विहान , अन्तराल , अभियान , बदलता युग , टूटती श्रृंखलाएँ , नयी चेतना , मधुरिमा , जिजीविषा , संतरण , संवर्त , संकल्प , जूझते हुए , जीने के लिए , आहत युग , अनुभूत-क्षण , मृत्यु-बोध : जीवन-बोध , और राग-संवेदन ।
- हिन्दी की तत्कालीन तीनों काव्य-धाराओं अर्थात् राष्ट्रीय काव्य-धारा , उत्तर छायावादी गीति-काव्य , प्रगतिवादी कविता से सम्पृक्त श्री भटनागर जी की प्रकाशित और चर्चित कृतियाँ है - तारों के गीत , विहान , अन्तराल , अभियान , बदलता युग , टूटती श्रृंखलाएँ , नयी चेतना , मधुरिमा , जिजीविषा , संतरण , संवर्त , संकल्प , जूझते हुए , जीने के लिए , आहत युग , अनुभूत-क्षण , मृत्यु-बोध : जीवन-बोध , और राग-संवेदन ।