सकाम कर्म का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- सकाम कर्म ऊपर से ' चाह' के समान आकर्षक है; किंतु उसकी मूल प्रकृति ' आह' की ही है।
- रजोगुण सकाम कर्म से बाँधता है और तमोगुण मनुष्य के ज्ञान को ढँककर उसे पागलपन से बाँधता है . ”
- रजोगुणी व्यक्ति सकाम कर्म में लग सकता है , वह यथासंभव धन प्राप्त करके उत्तम कार्यों में खर्च करता है .
- इस मोहग्रस्त अवस्था में उनकी मुक्ति-आशा , उनके सकाम कर्म तथा ज्ञान का अनुशीलन सभी निष्फल हो जाते हैं . ” ...
- सकाम कर्म ऊपर से ' चाह ' के समान आकर्षक है ; किंतु उसकी मूल प्रकृति ' आह ' की ही है।
- तो हमने चर्चा की कि सतोगुण मनुष्य को सुख देता है , सुखप्रदायक है और रजोगुण सकाम कर्म से बाँधता है .
- यह दूसरे तरह के कार्य ही है - सकाम कर्म , जो इन कार्यों से बचा हुआ है उसे न्यूनतम दुःख होता है।
- निष्काम कर्म और सकाम कर्म काफी पहले की बात है , मेरे किसी मित्र ने पूछा कोई ऐसा रास्ता बताओ जिससे दुःख न हो।
- यह दूसरे तरह के कार्य ही है - सकाम कर्म , जो इन कार्यों से बचा हुआ है उसे न्यूनतम दुःख होता है।
- भावार्थ : योगी तपस्वियों से श्रेष्ठ है, शास्त्रज्ञानियों से भी श्रेष्ठ माना गया है और सकाम कर्म करने वालों से भी योगी श्रेष्ठ है।