समुद्रमंथन का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- देव-दानवों के संघर्षरूप समुद्रमंथन के समय महासागर के बीच से कलश को निकाला गया था , जिसकी स्थापना ब्रrााजी ने की थी।
- पौराणिक आख्यानों के अनुसार समुद्रमंथन के दौरान निकला अमृतकलश १२ स्थानों पर रखा गया था जहां अमृत की बूंदें छलक गई थीं।
- इसके पहले और बाद के दो श्लोकों में समुद्रमंथन से वरुण की कन्या वारुणी “ जो सुरा की अभिमानिनी देवी थी ”
- शिव ने समुद्रमंथन के दौरान अपने कंठ से गरलपान अर्थात विषपान किया था इसी वजह से उन्हें नीलकंठ भी कहा जाता है।
- समुद्रमंथन से प्राप्त रत्नों के लिए जब देवासुर संग्राम छिड़ा और इंद्र द्वारा वज्राहत होने पर भी बलि शुक्राचार्य के मंत्रबल से पुन :
- कूर्म अवतार : कूर्म के अवतार में भगवान विष्णु ने क्षीरसागर के समुद्रमंथन के समय मंदर पर्वत को अपने कवच पर संभाला था।
- समुद्रमंथन से उठे विष को पीकर गले में धारण करने के कारण जिनका कंठ नीला पड़ गया वे शिव भी नीलकंठ कहलाते हैं।
- वे जानते थे कि दानवों को बलहीन करने के लिए शक्ति चाहिए और वह समुद्रमंथन के जरिए ही हासिल की जा सकती है .
- हे प्रभु ! जब समुद्रमंथन हुआ तब अन्य मूल्यवान रत्नों के साथ महाभयानक विष निकला , जिससे समग्र सृष्टि का विनाश हो सकता था।
- २ ) कूर्म अवतार : कूर्म के अवतार में भगवान विष्णु ने क्षीरसागर के समुद्रमंथन के समय मंदर पर्वत को अपने कवच पर संभाला था।