हज़रत उसमान का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- यहां के लोग हज़रत उसमान के हवाख़्वाह थे और यहीं पर सम्माक इब्ने मख़्रिमए असदी बनी असद के आठसो आदमियों के साथ मुक़ीम था यह लोग अमीरुल मोमिनीन ( अ.स. ) से मुनहरिफ़ ( बाग़ी ) होकर मुआविया के पास जाने के लिये कूफ़े से निकल ख़ड़े हुए थे।
- इस वाक़िए के दूसरे दिन मर्वान ने हज़रत उसमान से कहा कि खैर यह लोग तो चलते बने , मगर दूसरे शहरों से आने वालों की रोक थाम के लिये आप एक बयान दें ताकि वह इधर का रुख न करें और अपनी अपनी जगह पर मुतमइन हो कर बैठे रहें।
- इस में गुंजाइशे इन्कार नहीं कि मुआविया ने हज़रत उसमान के क़त्ल होने के बाद उन की नुसरत का दअवा किया और जब वह मुहासिरे के दिनों में उस से मदद मांग रहे थे और खुतूत पर खुतूत लिख रहे थे उस वक्त उस ने कर्वट लेने की ज़रुरत महसूस नहीं की।
- जब अमीरुल मोमिनीन ( अ 0 स 0 ) , जंगे जमल से फ़ारिग ( निवऋत्त ) हुए तो अशअश इबने क़ैस को जो हज़रत उसमान के ज़माने से आज़र बाइजान का आमिल चला आ रहा था , तहरीर फ़रमाया कि वह अपने सूबे का माले ख़िराज व सदाक़त ( कर एवं दान ) रवाना करे।
- अभी एक आध झड़प ही होने पाई थी कि हज़रत उसमान के घर वालोंके अलावा उन के हवाख़्वाह और बनी उमैया मदीने की गलियों में भग खड़े हुए , और कुछ उम्मे हबीबा के घर में जा छिपे और जो रह गए वह हज़रत उसमान का हक्के नमक अदा करते हुए उन के साथ क़त्ल हो गए।
- अभी एक आध झड़प ही होने पाई थी कि हज़रत उसमान के घर वालोंके अलावा उन के हवाख़्वाह और बनी उमैया मदीने की गलियों में भग खड़े हुए , और कुछ उम्मे हबीबा के घर में जा छिपे और जो रह गए वह हज़रत उसमान का हक्के नमक अदा करते हुए उन के साथ क़त्ल हो गए।
- जब उन्हों ने ऊपर से झाक कर देखा तो आप ने कहा , ऐ उसमान ! खुदा के लिये इस खिलाफ़त से दस्त बर्दार हो जाओ , और मुसलमानों को इस खून खराबे से बचाओ , अभी वह बात कर ही रहे थे कि हज़रत उसमान के आदमियों में से एक ने उन्हें तीर का निसाना बना कर जान से मार डाला।
- हज़रत उसमान इसलामी दौर के पहले उमवी खलीफ़ा हैं जो यकुम मुहर्रम सन् 24 हिजरी में सत्तर बरस की उम्र में मस्नदे खिलाफ़त पर मुतमक्किन हुए ( पधारे ) और बारह बरस तक मुसलमानों के सियाहो सफ़ैद के मालिक बने रहने के बाद उन्हीं के हाथों से 18 ज़िल हिज्ज सन् 35 हिज्री में क़त्ल हो कर हशे कौकब में दफ़्न हुए।
- जब दोनों फ़रीक़ को देखा जाता है तो जिन लोगों ने हज़रत उसमान की नुसरत से हाथ उठा लिया था , उन में उम्मुल मोमिनीन आइशा और रिवायते जमहूर के मुताबिक़ अशरए मुबश्शिरा बक़ीया अहले शूरा , अन्सारो मुहाजिरीने अव्वलीन , असहाबे बद्र और दीगर मुमताज़ व जलीलुल क़द्र अफ़राद नज़र आते हैं और दूसरी तरफ़ बारगाहे खिलाफ़त के चन्द ग़ुलाम और बनी उमैया की चन्द फ़र्दें दिखाई देती हैं।
- मगर हुआ यह कि अहले मिस्र हज़रत उसमान के दूध शरीक भाई अब्दुल्लाह इब्ने सअद इब्ने अबी सर्ह के ज़ुल्मो तशद्दुद से तंग आकर मदीने की तरफ़ बढ़े और शहर के क़रीब वादिए ज़ी खशब में पड़ाव जाल दिया तो एक शख्स के हाथ ख़त भेज कर हज़रत उसमान से मुतालबा किया कि उन के मज़ालिम मिटाए जायें , मौजूदा रविश का बदला लिया जाए और आइन्दा के लिये तौबा की जाए।