हुक्म देना का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- पंक्तियों का जादू कुछ ऐसा था कि मुझे उस कैडेट को हुक्म देना पड़ा दुबारा पढ़ने के लिये और फिर कैम्प-फायर के पश्चात भोजन के दौरान करीब साढ़े तीन सौ कैडेटों की भीड़ में पहले तो उसे ढ़ूंढ़ निकाला और फिर देर तक बतियाता रहा उससे और उस दिन मेरा पहली बार परिचय हुआ डा ० कुमार विश्वास के नाम के साथ।
- यहां पिछली क़ौमों के अपने आप पर जु़ल्म करने का उल्लेख करते ही जो ईमान वालों का यह गुण बताया है कि वे एक-दूसरे के मित्र और सहायक हैं और नेकी को क़ायम करते और बुराई को रोकते हैं तो इससे स्पष्टतः यही बताना अभीष्ट है कि उन मिटने वाली क़ौमों ने भलाई का हुक्म देना और बुराई को रोकना छोड़ दिया था।
- यहां पिछली क़ौमों के अपने आप पर जु़ल्म करने का उल्लेख करते ही जो ईमान वालों का यह गुण बताया है कि वे एक-दूसरे के मित्र और सहायक हैं और नेकी को क़ायम करते और बुराई को रोकते हैं तो इससे स्पष्टतः यही बताना अभीष्ट है कि उन मिटने वाली क़ौमों ने भलाई का हुक्म देना और बुराई को रोकना छोड़ दिया था।
- यूं ही अमीरुल मोमिनीन ( अ.स. ) पर सब्बो शत्म ( गालम गलौज ) करना और अपने आमिलों ( कर्मचारियों ) को इस का हुक्म देना तारीखी मुसल्लिमात ( ऐतिहासिक सत्य ) में से है कि जिस से इन्कार की कोई गुंजाइश नहीं और मिंबर पर ऐस अलफ़ाज़ ( शब्द ) कहे जाते थे कि जिन की ज़द ( परिधि ) में अल्लाह और रसूल ( स. ) भी आ जाते थे।
- ' ' ( समीक्षा क्रम सं 0 2 ) कोई बताए कि कुरआन का अवतरण किस देश में कब और किस प्रकार हुआ ? कुरआन में जब यह हुक्म दिया गया तब कुरआन और पैग़म्बर को मानने वाले कितने लोग थे ? क्या 1000 - 1500 लोगों को ये हुक्म देना कि सारी दुनिया के लोग काफ़िर हैं , इन्हें जहां पाओ कत्ल करो , औचित्यपूर्ण और मुसलमानों के हित में था ? क्या 1000 - 1500 आदमी सारी दुनिया के काफ़िरों को कत्ल कर सकते हैं ?
- और आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का कोढ़ी से भागने और बीमार ऊँटों को स्वस्थ ऊँटों के पास न लाने का हुक्म देना , कारणों से बचाव करने के अध्याय से है , उस का मतलब यह नहीं है कि कारण स्वयं प्रभाव डालते हैं ; क्योंकि कारण स्वत : प्रभाव नहीं डालते हैं , किन्तु हमारे लिए उचित है कि उन कारणों से बचाव करें जो आपदा का कारण बन सकते हैं ; इसलिए कि अल्लाह तआला का फरमान है : “ अपने आप को विनाश न करो।
- कुरआन की शिक्षा और आदेश यह है कि “काफिरों का कत्ल करो।” ( समीक्षा क्रम सं0 2) कोई बताए कि कुरआन का अवतरण किस देश में कब और किस प्रकार हुआ ? कुरआन में जब यह हुक्म दिया गया तब कुरआन और पैग़म्बर को मानने वाले कितने लोग थे ? क्या 1000-1500 लोगों को ये हुक्म देना कि सारी दुनिया के लोग काफ़िर हैं, इन्हें जहां पाओ कत्ल करो, औचित्यपूर्ण और मुसलमानों के हित में था ? क्या 1000-1500 आदमी सारी दुनिया के काफ़िरों को कत्ल कर सकते हैं ?
- अल्लाह ने नबी सल्लल लाहो अलैहे वसल्लम साफ़ लफ़्ज़ो मे कहला दिया के नबी सल्लल लाहो अलैहे वसल्लम को इल्म गैब नही | दूसरी बात ये के इस आयत मे ये भी कहलाया जा रहा हैं के नबी सल्लल लाहो अलैहे वसल्लम के पास वहयी आती हैं जिसके ज़रिये उन्हे सारी बातो का इल्म होता हैं लिहाज़ा नबी सल्लल लाहो अलैहे वसल्लम कभी भी कोई बात अपनी तरफ़ से नही कहते उनका किसी बात का बताना या हुक्म देना सिर्फ़ वहयी इलाही के ज़रिये होता हैं जैसा के कुरान मे एक जगह और फ़रमाया-