होशमंद का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- जो मुसलमान कुछ हद तक होशमंद हैं और पढे लिखे हैं उन पर तो किसी अपील का असर नहीं होता लेकिन अधिकांश ऐसे हैं जो तथाकथित मुस्लिम संगठनों की अपील के अनुसार अपनी राय बनाते हैं।
- होशमंद भी नहीं रहा और खुद को पूरी तरह अल्लाह को नहीं सौंपा , अपने आलस की वज़ह से घोड़े को खुला छोड़ दिया , अब इस गलती को गलती नहीं मानते हुए कुछ और ही साबित करने की जद्दोजहद में हो . ”
- रात भर चलती रहती हैं रेलें ट्रक ढोते हैं माल रात भर कारखाने चलते हैं कामगार रहते हैं बेहोश होशमंद करवटें बदलते हैं रात भर अपराधी सोते हैं अपराधों का कोई सम्बन्ध अब अंधेरे से नहीं रहा सुबह सभी दफतर खुलते हैं अपराध के।
- के तल दिमाग के तंतु जब शिथिल होने लगे , तब एक होशमंद विचार कौंधा कि बाजार असल में होश पर ही नहीं , बल्कि जहन और दिल तक पर काबिज़ हो गया है तभी एक सवाल उठा तो क्या बाजार से मुक्ति नहीं हैं ?
- ग़ालिब के ऊपर आपका लेख देखकर ख़ुशी भी हुई और ताजुब भी हुआ - ख़ुशी इसलिए कि आप जैसे जवांमर्द सिपहसालार मिजाजी ने शेरोशाइरि को तवज्जुह दी और ताजुब इसलिए कि आप जैसे होशमंद नौजवान ने एक बहुत ही ज़लील सा तर्जुमा बिना देखे भाले खरीद लिया।
- मेरे विचार से यह ज़रूरी है कि निर्माता और संगीत निर्देशक इस बात को समझे और लता स्तुति छोड़ें , हर चीज़ का वक्त होता है, लता आशा अपने अच्छे वक्त को बहुत अच्छे से बिता चुकी हैं, वानप्रस्थ का समय है, उन्हें इस का ज्ञान नहीं हुआ पर आप तो होशमंद रहें।
- मेरे विचार से यह ज़रूरी है कि निर्माता और संगीत निर्देशक इस बात को समझे और लता स्तुति छोड़ें , हर चीज़ का वक्त होता है, लता आशा अपने अच्छे वक्त को बहुत अच्छे से बिता चुकी हैं, वानप्रस्थ का समय है, उन्हें इस का ज्ञान नहीं हुआ पर आप तो होशमंद रहें।
- दियार-ऐ-इश्क़* से गुजर जाने से पहले , थे होशमंद, न थे दीवाने से पहले *इश्क का शहर सब्ज़ बाग़, सुर्ख गुल हम देख ही न पाये, खिजां आ गई बहार आने से पहले बज़्म* में उनकी मुहब्बत एक तमाशा है, मालूम न था हमें, वहां जाने से पहले *बज़्म- महफिल मेरा नाखुदा* तो न...
- दियार-ऐ-इश्क़* से गुजर जाने से पहले , थे होशमंद, न थे दीवाने से पहले *इश्क का शहर सब्ज़ बाग़, सुर्ख गुल हम देख ही न पाये, खिजां आ गई बहार आने से पहले बज़्म* में उनकी मुहब्बत एक तमाशा है, मालूम न था हमें, वहां जाने से पहले *बज़्म- महफिल मेरा नाखुदा* तो न
- इसलिए तो मैं अर्ज कर रहा था कि पागलों को होशमंद बनाने के फेल में नीयत कैसी भी हो , उसके मैलान को ज़ेरे-ग़ौर करना पड़ेगा , और ज़ाहिर है इस फेल ( काम ) में मैलान किसी सूरत में भी बेज़रर ( जिससे कोई हानि न हो ) करार नहीं दिया जा सकता।