अक्षपाद गौतम वाक्य
उच्चारण: [ akespaad gaautem ]
उदाहरण वाक्य
- ये अक्षपाद गौतम से आरंभ होनेवाली प्राचीन न्याय की परंपरा के अंतिम प्रौढ़ न्याययिक माने जाते हैं।
- न्याय दर्शन भारत के छः वैदिक दर्शनों में से एक है जिसके प्रवर्तक ऋषि अक्षपाद गौतम हैं.
- इस सब निर्देशों से प्रतीत होता है कि अक्षपाद गौतम बुद्ध के पश्चातवर्ती थे और अंशत: बौद्ध विचारों से प्रभावित थे।
- विद्याभूषण के अनुसार अक्षपाद गौतम ने ही न्याय दर्शन को वह रूप दिया, जिस रूप में न्याय दर्शन आज उपलब्ध है।
- गौतम जिन्हें ' अक्षपाद गौतम ' के नाम से प्रसिद्धि प्राप्त हैं, न्याय दर्शन के प्रथम प्रवक्ता माने जाते हैं।
- इस सब निर्देशों से प्रतीत होता है कि अक्षपाद गौतम बुद्ध के पश्चातवर्ती थे और अंशत: बौद्ध विचारों से प्रभावित थे।
- विद्याभूषण के अनुसार अक्षपाद गौतम ने ही न्याय दर्शन को वह रूप दिया, जिस रूप में न्याय दर्शन आज उपलब्ध है।
- आइए देखें, ये दार्शनिक सिद्धांत क्या हैं और उनके प्रणेता कौन-कौन हैं-न्याय: तर्क प्रधान इस प्रत्यक्ष विज्ञान की शुरुआत करने वाले अक्षपाद गौतम हैं।
- भारतीय दार्शनिक कपिल, कणाद, अक्षपाद गौतम, आद्याचार्य जैमिनि, महर्षि वादरायण, पतंजलि, योगाचार्य, अष्टावक्र आदि ने इस ब्रह्माणु की अलग-अलग तरीके से व्याख्या...
- अक्षपाद गौतम ने न्याय दर्शन का निर्माण तो शायद नहीं किया, पर यह कहा जा सकता है कि न्याय दर्शन का सूत्रबद्ध, व्यवस्थित रूप अक्षपाद के न्यायसूत्र में ही पहली बार मिलता है।