अक्षर अनन्य वाक्य
उच्चारण: [ akesr aneny ]
उदाहरण वाक्य
- १ ७ १ २ वि. में देवीदास, अक्षर अनन्य (१ ७ ०० वि.) के नाम महत्वपूर्ण है।
- अक्षर अनन्य ने व्यापक काव्यभाषा को अपनाया पर बुन्देली रीतिरिवाज, संस्कृति, उक्तियों और मुहावरों को अपनाकर भक्ति, ज्ञान और वैराग्य की त्रिवेणी प्रवाहित की।
- अक्षर अनन्य ने व्यापक काव्यभाषा को अपनाया पर बुन्देली रीतिरिवाज, संस्कृति, उक्तियों और मुहावरों को अपनाकर भक्ति, ज्ञान और वैराग्य की त्रिवेणी प्रवाहित की।
- कतिपय कबीरपंथी मार्ग का अनुसरण करने वाले (अक्षर अनन्य का विशेष संदर्भ) व्यक्तियों ने धर्म के बाह्यचारों का खण्डन करने का प्रयत्न किया है।
- कतिपय कबीरपंथी मार्ग का अनुसरण करने वाले (अक्षर अनन्य का विशेष संदर्भ) व्यक्तियों ने धर्म के बाह्यचारों का खण्डन करने का प्रयत्न किया है।
- अक्षर अनन्य ने व्यापक काव्यभाषा को अपनाया पर बुन्देली रीतिरिवाज, संस्कृति, उक्तियों और मुहावरों को अपनाकर भक्ति, ज्ञान और वैराग्य की त्रिवेणी प्रवाहित की।
- इस प्रकार बुन्देलखण्ड के कबीर (अक्षर अनन्य) सूर (बख्शी हंसराज), जायसी (हरिसेवक मिश्र), राष्ट्रीय कवि ” लाल ' आदि ने चतुर्दिक उन्मेष का संदेश दिया।
- संत परम्परा में सूर, तुसली, पदमाकर, केशव दास अक्षर अनन्य और प्राणनाथ के दर्शन की परम्परांये रही हैं, वहीं पर ईसुरी ने बुन्देली में श्रंगार के रंग को खूब निखारा है ।
- संत परम्परा में सूर, तुसली, पदमाकर, केशव दास अक्षर अनन्य और प्राणनाथ के दर्शन की परम्परांये रही हैं, वहीं पर ईसुरी ने बुन्देली में श्रंगार के रंग को खूब निखारा है ।
- इन कुछ प्रसिद्ध संतों के अतिरिक्त ज्ञानमार्गी भक्ति शाखा में अक्षर अनन्य, जगजीवनदास, भीखा साहिब, पलटू साहिब आदि अनेक अन्य संत-कवि हुए पर अपनी साहित्यिक क्षमता और जन-सामान्य पर प्रभाव की दृष्टि से ये कुछ नाम ही इस काव्य-धारा के प्रतिनिधि माने जा सकते हैं।