अखा भगत वाक्य
उच्चारण: [ akhaa bhegat ]
उदाहरण वाक्य
- अखा भगत का समय 1591 से 1656 ई. तक माना जाता है।
- पर अखा भगत की वाणी कभी मिथ्या हो सकती है?-
- गुजराती भाषा के प्राचीन कवियों में अखा भगत का महत्त्वपूर्ण स्थान है।
- अखा भगत ने कहाः सजीवाए निर्जिवाने घड्यो पछी कहे मने कंई दे।
- अखा भगत ने मिथ्याचार, दंभ, दुराग्रह, सामाजिक दुर्गुणों आदि पर भी कठोर प्रहार किया है।
- अखा भगत अहमदाबाद के निवासी थे और बाद में वहीं की टकसाल में मुख्य अधिकारी हो गए थे।
- अखा भगत ने पाखंडों की भर्त्सना की है और उस समय प्रचलित धार्मिक कुरीतियों पर व्यंग्यपूर्ण कटाक्ष किया है।
- गुजरात के सुप्रसिध्ध कवि श्री अखा भगत ने ऐसी सभी बाह्य क्रियाओं के प्रति अपना विरोध प्रगट किया है ।
- गोविंद · अखा भगत · मनीराम मिश्र · बनवारी · सबलसिंह चौहान · वृंद · छत्रसिंह · बैताल · आलम · गुरु गोविंद
- रसिक गोविंद · अखा भगत · मनीराम मिश्र · बनवारी · सबलसिंह चौहान · वृंद · छत्रसिंह · बैताल · आलम · गुरु