अतियोग वाक्य
उच्चारण: [ atiyoga ]
उदाहरण वाक्य
- चक्षु आदि इंद्रियों का अपने-अपने रूप आदि विषयों के साथ असंगत व्यवहार (प्रतिकूल, हीन, मिथ्या और अति) इंद्रियों, शरीर और मन के विकार का कारण होता है-यथा आँख से बिलकुल न देखना (अयोग), अति तेज अथवा कम प्रकाश में देखना और बहुत अधिक देखना (अतियोग) तथा अतिसूक्ष्म, संकीर्ण, अति दूर में स्थित तथा भयानक, बीभत्स, एवं विकृतरूप वस्तुओं को देखना (मिथ्यायोग) ।