अन्विताभिधानवाद वाक्य
उच्चारण: [ anevitaabhidhaanevaad ]
उदाहरण वाक्य
- अन्विताभिधानवाद के अनुसार वाक्य में होने वाले शब्द जब हम सुनते हैं, तब वे शब्द अपना-अपना अर्थ परस्पर संबद्ध (अन्वित) रूप में ही बताते हैं (अभिधान) ।
- अतएव “अन्विताभिधानवाद” कुमारिल भट्ट का है, किंतु भट्ट मत का अनुवादक अन्विताभिधानवाद मानकर जो खंडन करते हैं, यह उचित नहीं है, क्योंकि उनके ग्रंथों में उपर्युक्त लेख की चर्चा कहीं भी नहीं है।
- अतएव “अन्विताभिधानवाद” कुमारिल भट्ट का है, किंतु भट्ट मत का अनुवादक अन्विताभिधानवाद मानकर जो खंडन करते हैं, यह उचित नहीं है, क्योंकि उनके ग्रंथों में उपर्युक्त लेख की चर्चा कहीं भी नहीं है।
- अतएव “ अन्विताभिधानवाद ” कुमारिल भट्ट का है, किंतु भट्ट मत का अनुवादक अन्विताभिधानवाद मानकर जो खंडन करते हैं, यह उचित नहीं है, क्योंकि उनके ग्रंथों में उपर्युक्त लेख की चर्चा कहीं भी नहीं है।
- अतएव “ अन्विताभिधानवाद ” कुमारिल भट्ट का है, किंतु भट्ट मत का अनुवादक अन्विताभिधानवाद मानकर जो खंडन करते हैं, यह उचित नहीं है, क्योंकि उनके ग्रंथों में उपर्युक्त लेख की चर्चा कहीं भी नहीं है।
- इस प्रकार अन्विताभिधानवाद के अनुसार पदों का तथा वाक्य का अर्थ पदों की अभिधा शक्ति से ही समझ में आता है, लेकिन अभिहितान्वयवाद के अनुसार पदों का अर्थ अभिधा शक्ति से जाना जाता है और वाक्य का अर्थ लक्षणा शक्ति से जाना जाता है।