अलक्तक वाक्य
उच्चारण: [ alektek ]
उदाहरण वाक्य
- यथा--`तपाये हुये स्वर्ण के समान लालवर्ण, बीर बहूटी के समान लालवर्ण, रक्तकमल के समान लालवर्ण, अलक्तक (लाक्षा) के समान लालवर्ण तथा गुरु जाफल केसमान लालवर्ण के रक्त को शुद्ध समझना चाहिये.
- रंग में गेरुओं के रँगे चौक ने चूम जब दो लिए पग अलक्तक रँगे देहरी को सुनाने लगे राग वह, पायलों की बजी रुनाझुनों में पगे बहुत सुंदर पायलों की बजी रुनाझुनो में पगे बेहद प्यारी लगी यह...:)
- आपके पांव छूकर बढ़ा इस तरफ़ संदली एक झोंका महकता हुआ था अलक्तक के रंगों से भीगा हुआ इसलिये रंग वादी में भरता हुआ छेड़ता शाख पर पत्तियों को मचल एक चुम्बन कली के जड़ा गाल पर फिर बजाने लगा जलतरंगें मधुर बाग के बीच बैठे हुए ताल पर
- वज़्म में कोई सुनाये हम गज़ल की गुनगुनी गरमाहटोम में जब नहाये मीत तेरे चित्र उस पल पास आकर मुस्कुराये झूमती पगडंडियों ने जब कदम चूमे हमारे यों लगा पग के अलक्तक सामने आ मुस्कुराये पत्तियों के जब झरोखों से हवा ने झांक देखा घुंघरुओं की नींद टूटी, कसमसाये झनझनाये ख्वाब में रिश्ते हजारों दीप बन कर जल रहे [...]
- कोमल हाथों में अशोक-पल्लवों का कोमलतर गुच्छ आया, अलक्तक से रंजित नूपुरमय चरणों के मृदु आघात से अशोक का पाद्र-देश आहत हुआ-नीचे हलकी रूनझुन और ऊपर लाल फूलों का उल्लास! किसलयों और कुसुम-स्तबकों की मनोहर छाया के नीचे स्फटिक के आसन पर अपने प्रिय को बैठाकर सुंदरियाँ अबीर, कुंकुम, चंदन और पुष्प-संभार से पहले कंदर्प देवता की पूजा करती थीं और बाद में सुकुमार भंगिमा से पति के चरणों पर वसंत पुष्पों की अंजलि बिखेर देती थीं।