अष्टगन्ध वाक्य
उच्चारण: [ asetganedh ]
उदाहरण वाक्य
- भोजपत्र पर अनार की कलम से इस मन्त्र को अष्टगन्ध से लिखकर ताबीज में डालकर गले में धारण करने से कर्ण विकार दूर हो जाएगा और कर्णपीड़ा से मुक्ति मिल जाएगी।
- शास्त्रों में तीन प्रकार की अष्टगन्ध का वर्णन है, जोकि इस प्रकार है-शारदा तिलक के अनुसार अधोलिखति आठ पदार्थों को अष्टगन्ध के रूप में लिया जाता है-चन्दन, अगर, कर्पूर, तमाल, जल, कंकुम, कुशीत, कुष्ठ।
- शास्त्रों में तीन प्रकार की अष्टगन्ध का वर्णन है, जोकि इस प्रकार है-शारदा तिलक के अनुसार अधोलिखति आठ पदार्थों को अष्टगन्ध के रूप में लिया जाता है-चन्दन, अगर, कर्पूर, तमाल, जल, कंकुम, कुशीत, कुष्ठ।
- चन्द्र यंत्र-चन्द्रमा ग्रह की शान्ति हेतु चन्द्र होरा में चांदी के पत्र में चन्द्र यंत्र खुदवाकर या अष्टगन्ध से भोजपत्र पर लिखकर उसकी विधिवत, पूजन कर गले या दाहिनी भुजा में धारण करना चाहिए।
- चन्द्र यंत्र-चन्द्रमा ग्रह की शान्ति हेतु चन्द्र होरा में चांदी के पत्र में चन्द्र यंत्र खुदवाकर या अष्टगन्ध से भोजपत्र पर लिखकर उसकी विधिवत, पूजन कर गले या दाहिनी भुजा में धारण करना चाहिए।
- चन्द्र यंत्र-चन्द्रमा ग्रह की शान्ति हेतु चन्द्र होरा में चांदी के पत्र में चन्द्र यंत्र खुदवाकर या अष्टगन्ध से भोजपत्र पर लिखकर उसकी विधिवत, पूजन कर गले या दाहिनी भुजा में धारण करना चाहिए।