आकारों के आसपास वाक्य
उच्चारण: [ aakaaron kaasepaas ]
उदाहरण वाक्य
- फिर तो आकारों के आसपास (कहानी संग्रह-१९७१), परिवेश: हम-तुम, अपने सामने, कोई दूसरा नहीं, इन दिनों, आज और आज से पहले (समीक्षा), मेरे साक्षात्कार और हाल ही में प्रकाशित वाजश्रवा के बहाने सहित उनकी तमाम कृतियाँ आईं।
- फिर तो आकारों के आसपास (कहानी संग्रह-१९७१), परिवेश: हम-तुम, अपने सामने, कोई दूसरा नहीं, इन दिनों, आज और आज से पहले (समीक्षा), मेरे साक्षात्कार और हाल ही में प्रकाशित वाजश्रवा के बहाने सहित उनकी तमाम कृतियाँ आईं।
- (यह एक ज्ञात किंतु कम चर्चित तथ्य है कि कुंवरजी का ' आकारों के आसपास ' नाम से एक कहानी-संग्रह भी है, जिसकी कहानियों के बारे ऐसा कह कर छुट्टी नहीं पाई जा सकती कि वे एक कवि की कहानियां हैं।
- 1973 में प्रकाशित अपने कथा-संग्रह, '' आकारों के आसपास '' की भूमिका में कुंवर नारायण ने लिखा है कि उनकी कहानियां वास्तव में यथार्थ से एक रोमांस हैं-यथार्थ के नाम पर कहानी नहीं, कहानी के नाम पर यथार्थ की बात करता हूं।
- फिर तो आकारों के आसपास (कहानी संग्रह-1971), परिवेश: हम-तुम, अपने सामने, कोई दूसरा नहीं, इन दिनों, आज और आज से पहले (समीक्षा), मेरे साक्षात्कार और हाल ही में प्रकाशित वाजश्रवा के बहाने सहित उनकी तमाम कृतियाँ आईं।
- उनकी प्रमुख रचनाओं में ‘ आत्मजयी ', ‘ आकारों के आसपास ', ‘ चक्रव्यूह ', ‘ अपने सामने ', ‘ सन्नाटा या शोर ', ‘ जब आदमी आदमी नहीं रह जाता ', ‘ इन्तिज़ाम ', ‘ दिल्ली की तरफ ', ‘ शक ' आदि शामिल हैं.