आचार्य पुष्पदंत वाक्य
उच्चारण: [ aachaarey pusepdent ]
उदाहरण वाक्य
- मान्यता अनुसार, शास्त्रों के घटते ज्ञान से चिंतित होकर उन्होंने दो साधुओं, आचार्य पुष्पदंत और आचार्य भूतबलि को अपने आश्रयस्थल, गिरनार पर्वत, गुजरात में स्थित चंद्र गुफा, में बुलाया।
- शिवमहिम्न स्तोत्र के रचयिता आचार्य पुष्पदंत के अनुसार यह यात्रा गंगा का शिव के माध्यम से प्रत्यावर्तन है-अभीष्ट मनोरथ पूरा होने के बाद उस अनुग्रह को सादर श्रद्धा पूर्वक वापस करना।
- आचार्य गुणधर की रचना कसाय पाहुड सुत्त तथा आचार्य धरसेन एवं उनके शिष्यों आचार्य पुष्पदंत तथा आचार्य भूतबलि द्वारा रचित षटखंडागम है जिनमें प्रथम शताब्दी के लगभग की शौरसेनी प्राकृत का प्रयोग हुआ है।
- सुबह साढ़े पांच से 6. 15 बजे तक प्रतिक्रमण हुआ जिसमें आचार्य पुष्पदंत सागरजी महाराज, आचार्य गुप्तीनंदजी व आचार्य कुमुदनंदजी के सान्निध्य में 40 मुनि, आर्यिका, ऐलक, क्षुल्लक व ब्रrाचारी ने प्रतिक्रमण किया।
- गहलोत ने कहा कि महावीर जयंती के पावन अवसर पर जैन संतों के समागम में आने एवं आचार्य पुष्पदंत सागर महाराज का आशीर्वाद लेने का उन्हें जो मौका मिला यह उनके लिए खुशी की बात है।
- मुनि ने कहा कि आचार्य पुष्पदंत सागर महाराज कहते है कि तुम वस्त्र कमरों में वासना के लिए उतारते हो, संत जब मंच पर वस्त्र उतारते है, तो वे साधना का प्रतीक होता है।
- और इन लालों के बीच में, मैं आचार्य पुष्पदंत का लाल मुनि तरुणसागर, इस लाल किले से देश के तमाम धर्माचार्यों, संत-मुनियों का आह्वान करता हूँ कि वे अहिंसा और भ्रष्टाचार उन्मूलन के लिए तख्त और वक्त पर एक हो जायें।
- आपने कुछ तो सही कहा है कि कायेदे के संत जमीन पर आज कल चलते कहा है| देखो वीतरागी जैन आचार्यो और संतो ने नयी प्रथा डाली है उनके साथ उनकी टोली एक आधुनिक ट्रक लिये साथ चलती है अलबत्ता सामाजिक रिवाज और वीतरागी खिताब को कुछ हद तक सिद्ध करने के लिये वे पेदल चलते है, उदाहरण आचार्य पुष्पदंत सागर महाराज और उनके शिष्य पुण्य सागर महाराज|
- आपने कुछ तो सही कहा है कि कायेदे के संत जमीन पर आज कल चलते कहा है | देखो वीतरागी जैन आचार्यो और संतो ने नयी प्रथा डाली है उनके साथ उनकी टोली एक आधुनिक ट्रक लिये साथ चलती है अलबत्ता सामाजिक रिवाज और वीतरागी खिताब को कुछ हद तक सिद्ध करने के लिये वे पेदल चलते है, उदाहरण आचार्य पुष्पदंत सागर महाराज और उनके शिष्य पुण्य सागर महाराज |
- जागरण संवाद केंद्र, अंबाला: छावनी के गुड़ बाजार स्थित श्री दिगंबर जैन मंदिर में मुनि श्री 108 प्रमुख सागर महाराज ने मंगलवाणी प्रवचन किए। जैन सभा के सदस्यों ने आचार्य पुष्पदंत सागर महाराज के चित्र का अनावरण व दीप प्रज्जवलित किया। मुनि श्री ने प्रवचन करते हुए कहा कि जीवन एक रहस्य है। पहेली नहीं। पहेली तो सुलझ जाती है, पर जीवन का रहस्य नहीं सुलझता। जब हम जीवन के रहस्य को जानने का प्रयास करते है, तो उसमें डूबते चले जाते है। जीवन तो एक पत्थर के समान है, जितना जीवन रूपी पत्थर को रगड़ों उतनी ही उसमे