आनन्द रामायण वाक्य
उच्चारण: [ aanend raamaayen ]
उदाहरण वाक्य
- [2] महानाटक तथा आनन्द रामायण में ऐसा उल्लेख है कि अगले जन्म में वालि शिकारी के रूप में आखेट के भ्रम में कृष्ण-जो कि विष्णु के अगले अवतार हैं-की हत्या कर देता है।
- आनन्द रामायण में वर्णन है कि अर्जुन द्वारा त्रेता में राम-सेतु निर्माण की आलोचना करते हुए अहंकारवश शर-सेतु निर्मित कर श्रेष्ठता सिद्ध करते समय हनुमानजी के पग धरते ही सेतु भंग होने से अर्जुन का अहंकार नष्ट हुआ।
- [2] महानाटक तथा आनन्द रामायण में ऐसा उल्लेख है कि अगले जन्म में वालि शिकारी के रूप में आखेट के भ्रम में कृष्ण-जो कि विष्णु के अगले अवतार हैं-की हत्या कर देता है।
- ग. ^ पद्मपुराण, श्रीमद्भागवत पुराण, कूर्मपुराण, महाभारत, आनन्द रामायण, दशावतारचरित एवं रामचरितमानस में राम के विष्णु का अवतार होने का स्पष्ट उल्लेख है, किन्तु वाल्मीकि रामायण में केवल इसका संकेत मात्र ही है।
- आनन्द रामायण में उनके द्वारा अनेक असुरों का वध होता है जबकि अद्भुत रामायण में वह सहस्रस्कंध रावण का वध करने के लिये रौद्ररूप धारण करती हैं तथा ताण्डव नृत्य प्रारंभ कर देती हैं जिससे महाकाल तक कांप उठते हैं।
- किन्तु आनन्द रामायण, (राज्यकाण्ड, पूर्वार्द्ध, अध्याय 5-6) में विस्तार पूर्वक लिखा गया है कि कुंभकरण के मूल नक्षत्र में उत्पन्न पुत्र “ मूलकासुर ” ने श्री राम के राज्याभिषेक पश्चात अयोध्या पर आक्रमण किया और श्रीराम को युद्ध में परास्त करने के पश्चात देवी सीता नें चंडिकास्त्र द्वारा उस राक्षस का वध किया.