आयुवृद्धि वाक्य
उच्चारण: [ aayuveridedhi ]
उदाहरण वाक्य
- मनु आदि महर्षियों ने हमारी संस्कृति की अभिवादन पद्धति के चार लाभ बताये हैं-आयुवृद्धि, विद्यावृद्धि, यशवृद्धि एवं बलवृद्धि।
- वृक्ष की आयुवृद्धि के साथ ही साथ उसके तनों और जड़ों की लकड़ी में सौगंधिक तेल का अंश भी बढ़ने लगता है।
- आश्व ० गृ ० सू ० के अनुसार इससे बालक की आयुवृद्धि होती है, वह यशस्वी एवं मंगल कार्यों में प्रवृत्त होता है।
- षोडश संस्कारों में भी मंत्र का अंश कम नहीं है और यह सब स्वस्तिक मंत्र हैं जो शरीररक्षा के लिए तथा सुखप्राप्ति एवं आयुवृद्धि के लिए प्रयुक्त होते हैं।
- षोडश संस्कारों में भी मंत्र का अंश कम नहीं है और यह सब स्वस्तिक मंत्र हैं जो शरीररक्षा के लिए तथा सुखप्राप्ति एवं आयुवृद्धि के लिए प्रयुक्त होते हैं।
- शत्रु बुद्धिविनाशं च दीपज्योतिर्नमोस्तु ते ॥ दीपक की लौ की दिशा पूर्व की ओर रखने से आयुवृद्धि, पश्चिम की ओर दुःखवृद्धि, दक्षिण की ओर हानि और उत्तर की ओर रखने से धनलाभ होता है।
- जब जोड़ों पर आयुवृद्धि या जीर्णता का असर होना शुरू होता है, तो यह कार्टिलेज घिसने लगता है और हड्डियां आपस में रगड़ खाने लगती हैं, जिससे जोड़ में दर्द और जकड़न रहने लगती है।
- इस तरह निरंतर इलेक्ट्रोन चुराने का एक श्रंखला-बद्ध सिलसिला शुरू हो जाता है, जिससे हमारी आयुवृद्धि की गति तेज हो जाती है, त्वचा में झुर्रियां बनने लगती हैं और हम विभिन्न बीमारियों जैसे उच्च रक्तचाप, मधुमेह, अस्थि-संध शोथ, पार्किंसन्स, कैंसर आदि का शिकार हो जाते हैं।
- इस तरह निरंतर इलेक्ट्रोन चुराने का एक श्रंखला-बद्ध सिलसिला शुरू हो जाता है, जिससे हमारी आयुवृद्धि की गति तेज हो जाती है, त्वचा में झुर्रियां बनने लगती हैं और हम विभिन्न बीमारियों जैसे उच्च रक्तचाप, मधुमेह, अस्थि-संध शोथ, पार्किंसन्स, कैंसर आदि का शिकार हो जाते हैं।
- “ जिन पदार्थों से स्वास्थ्य, रोगनाश, बुद्धिबल, पराक्रमवृद्धि और आयुवृद्धि होवे, उन तण्डुल, गोधूम, फल, मूल, कन्द, दूध, घी, मिष्ट आदि पदार्थों का सेवन यथायोग्य पाक मेल करके यथोचित समय पर मित आहार भोजन करना, सब भक्ष्य कहाता है ।