इस्लाम में ईश्वर वाक्य
उच्चारण: [ iselaam men eeshevr ]
उदाहरण वाक्य
- कहाँ कहाँ से निकलना पड़ेगा? @ रविन्द्र जी! इस्लाम में ईश्वर का प्रतीक बनाना हराम है, जबकि महापुरुषों की परम्पराओं के प्रतीक बनाना जायज़ है.
- इस घोषणापत्र के आरंभ में इस बात की ओर भी संकेत किया गया है कि इस्लाम में ईश्वर के निकट मनुष्य का क्या स्थान है और यह कि मनुष्य धरती पर ईश्वर का प्रतिनिधि है।
- [बस इसकी व्याख्या अलग अलग तरह से की गई है] इस्लाम में ईश्वर का केवल होना और सातवें आसमान पर स्थित होना बताया गया है केवल उसे ही सजदे को कहा गया है!
- इसका अर्थ यह है कि इस्लाम में ईश्वर के एकेश्वरवाद में विश्वास कर लेना ही इस संप्रदाय में प्रवेश करने के लिये पर्याप्त है और इसके लिये बपतिस्मा के किसी रस्मी स्वरूप की आवश्यकता नहीं होती.
- इसका अर्थ यह है कि इस्लाम में ईश्वर के एकेश्वरवाद में विश्वास कर लेना ही इस संप्रदाय में प्रवेश करने के लिये पर्याप्त है और इसके लिये बपतिस्मा के किसी रस्मी स्वरूप की आवश्यकता नहीं होती.
- यहाँ मैं इस्लाम में ईश्वर की अवधारणा के करीब हूँ मगर इस्लाम के परवर्ती विचारों और कूपमंडूकता से मुझे सख्त नफरत है, उसी तरह से जैसे हिन्दू धर्म के पौरोहित्यवाद और पंडावाद का मैं विरोध करता हूँ-मगर क्या करियेगा..
- मुझे अपनी संस्कृति, संस्कारों पर गर्व है और ईश्वर के अस्तित्व को लेकर मैं अपने उपनिषदों के नेति नेति की विचारधारा का समर्थक हूँ...ईश्वर को न तो प्रकल्पित किया जा सकता है और न ही रूपायित ही....यहाँ मैं इस्लाम में ईश्वर की अवधारणा के करीब हूँ मगर इस्लाम के परवर्ती विचारों और कूपमंडूकता से मुझे सख्त नफरत है, उसी तरह से जैसे हिन्दू धर्म के पौरोहित्यवाद और पंडावाद का मैं विरोध करता हूँ-मगर क्या करियेगा..