ईद-उल-अज़हा वाक्य
उच्चारण: [ eed-ul-ajaa ]
उदाहरण वाक्य
- मुसलमानों के दो बड़े त्यौहारों में से एक है बक़-र-ईद यानी ईद-उल-अज़हा है, लेकिन कुछ पत्रकार भाई बक़-र-ईद को बकरी ईद कहते हैं।
- उन्होने लिखा है कि मुसलमानों का यह फर्ज़ बनता है कि वह ईद-उल-अज़हा के मौके पर जानवरों की कुर्बानी की प्रथा को अब खत्म करने में ताऊन्न करें।
- पाकिस्तान के उदारवादी समाज के इन उदारवादी लोगों ने फरमाया है कि इस ईद-उल-अज़हा (बकरीद) के मौके पर जानवरों की कुर्बानी की पुरानी परम्परा को अब बंद किया जाए।
- कुरान शरीफ में ईद-उल-अज़हा के उद्देश्य के बारे में कहा गया है-' अल्लाह के पास कुर्बानी की गई चीज नहीं,कुर्बानी करने वाले इंसान के सच्चे त्याग की भावना ही पहुँचती है ।
- ईद-उल-अज़हा के वक़्त पर जारी किए गए संदेश में धार्मिक उलेमा ने घौटा इलाक़े में बचे रह गए लोगों से कहा है कि वे आमतौर पर प्रतिबंधित जानवरों का भी माँस खा सकते हैं।
- ईद-उल-अज़हा के वक़्त पर जारी किए गए संदेश में धार्मिक उलेमा ने घौटा इलाक़े में बचे रह गए लोगों से कहा है कि वे आमतौर पर प्रतिबंधित जानवरों का भी माँस खा सकते हैं.
- कुरान शरीफ में ईद-उल-अज़हा के उद्देश्य के बारे में कहा गया है-' अल्लाह के पास कुर्बानी की गई चीज नहीं, कुर्बानी करने वाले इंसान के सच्चे त्याग की भावना ही पहुँचती है ।
- जनाब “ बकरीद ” भारतीय उपमहाद्विप मे कहा जाता है वो भी इस वजह से क्यौंकि यहां पर बकरे की कुरबानी दी जाती है … आपको पता नही है क्या “ बकरीद ” का असली नाम “ ईद-उल-अज़हा ” है।
- फ़िरदौस ख़ान यह एक बेहतर आगाज़ है की पश्चिम बंगाल के एक छोटे से गांव की मुस्लिम महिलाओं ने ईद-उल-अज़हा के मौक़े पर इमामों के फतवों और एतराज़ की अनदेखी करते हुए नमाज़ पढ़ने के मामले में ' पुरुषों के एकाधिकार ' को चुनौती दे दी है।