ईश्वरकृष्ण वाक्य
उच्चारण: [ eeshevrekrisen ]
उदाहरण वाक्य
- कपिल मुनि के दर्शन का सबसे पुराना उपलब्ध ग्रंथ ईश्वरकृष्ण कृत “सांख्यकारिका” है।
- ईश्वरकृष्ण ने सांख्यकारिकाओं में भी ' सत्त्वं लघु प्रकाशकमिष्टमुपष्टम्भकं चलं च रज: ।
- जब मैं साँख्य पढ़ रहा था तो मुझे बार-बार ईश्वरकृष्ण की पुस्तक साँख्यकारिका पढ़नी पड़ी।
- जब मैं साँख्य पढ़ रहा था तो मुझे बार-बार ईश्वरकृष्ण की पुस्तक साँख्यकारिका पढ़नी पड़ी।
- ईश्वरकृष्ण (5 वीं शताब्दी) की “ सांख्यकारिका ” सांख्य दर्शन का प्रामाणिक ग्रंथ है।
- सांख्य दर्शन की परम्परा अत्यधिक प्राचीन है, इसीलिए ईश्वरकृष्ण को सांख्य का आदि प्रवर्तक नहीं कहा जा सकता।
- इसके विपरीत आचार्यों ने सांख्य-कारिका पर भाष्य किये हैं, जो ईश्वरकृष्ण की बनायी हुई है, जिसकी चर्चा हम आगे करेंगे.
- भारतीय सांख्य दर्शन (ईश्वरकृष्ण-ईसा पूर्व 3 शताब्दी) के अनुसार पांच मूलभूत तत्व आकाश, वायु, जल, अग्नि और पृथ्वी हैं।
- इसमें ईश्वरकृष्ण ने कहा है कि इसकी शिक्षा कपिल से आसुरी को, आसुरी से पंचाशिका को और पंचाशिका से उनको प्राप्त हुई।
- उसे मैं अपने वचनामृत से पूर्णकरता हूँ. यह बहुत-कुछ संभव हो सकता है कि विज्ञान-भिक्षु ने ही ईश्वरकृष्ण कीकारिकाओंको, उनमें ईश्वरवाद बढ़ाकर इन सूत्रों को रचा हो.