उत्तररामचरितम् वाक्य
उच्चारण: [ utetreraamecheritem ]
उदाहरण वाक्य
- उत्तररामचरितम् महाकवि भवभूति का प्रसिद्ध संस्कृत नाटक है, जिसके सात अंकों में राम के उत्तर जीवन की कथा है।
- ' उत्तररामचरितम् ' में कथ्य के ही स्तर पर नहीं वरन पारम्परिक नाट्य शिल्प में भी भवभूति ने कई नये प्रयोग किये हैं ।
- वे ' उत्तररामचरितम् ' के बहाने एक ऐसा ग्रन्थ रचते है जो पारम्परिक रचनाओं से अपने ' ट्रीटमेंट ' को लेकर भिन्न है ।
- अन्य ग्रंथों में नायक अपनी जीत के साथ नायिका को पाता है जबकि ' उत्तररामचरितम् ' का नायक हार कर अपनी नायिका को पाता है ।
- ” 20. ' राम की शक्ति पूजा ' के राम को सीता को नहीं पाने की हताशा है तो ' उत्तररामचरितम् ' के राम को सीता को खो देने का दर्द है ।
- राम के इस जीवन की कथा को उत्तररामचरितम् के नाम से पेश करने के पीछे संभव है कि भवभूति के अन्दर संस्कृत नाट्य परम्परा से अलग हट कर कुछ करने की ललक रही हो ।
- इस तरह भवभूति “ उत्तररामचरितम् ” की नाट्य शैली में महत्वपूर्ण परिवर्तन कर इस नाटक को अविस्मणीय बना देते है पहले अंक में कथा का आरम्भ इस सूचना के साथ होता है कि लंका युद्ध के सभी सहायकों आदि को राज्याभिषेक के बाद राम ने उनके स्थान पर वापस भेज दिया है ।