उत्सर्जी पदार्थ वाक्य
उच्चारण: [ utesreji pedaareth ]
उदाहरण वाक्य
- पौधों एवं प्राणियों दोनों में उत्सर्जन की क्रिया होती है परन्तु पौधों में कोई विशेष उत्सर्जन-अंग या तंत्र नहीं होता है अतः पौधे अपने उत्सर्जी पदार्थ पत्तियों, छालों, फलों, बीजों के माध्यम से शरीर से निष्कासित कर देते हैं।
- पौधों एवं प्राणियों दोनों में उत्सर्जन की क्रिया होती है परन्तु पौधों में कोई विशेष उत्सर्जन-अंग या तंत्र नहीं होता है अतः पौधे अपने उत्सर्जी पदार्थ पत्तियों, छालों, फलों, बीजों के माध्यम से शरीर से निष्कासित कर देते हैं।
- लोथर मानते हैं कि जब शरीर में टॉक्सिन्स या उत्सर्जी पदार्थ इतने बढ़ जाते हैं कि गुर्दे और यकृत भी उनका उत्सर्जन नहीं कर पाते हैं तो शरीर इन टॉक्सिन्स को मुख्य रक्त-प्रवाह से दूर रखने के उद्देष्य से इन्हें कैंसर की गांठों में छुपा कर रख देता है।