उदयवीर शास्त्री वाक्य
उच्चारण: [ udeyvir shaasetri ]
उदाहरण वाक्य
- प्राकृततन्त्र में मन, बुद्धि, अहंकार का संकेत स्पष्ट नहीं है, ऐसा उदयवीर शास्त्री स्वीकार करते हैं।
- * जबकि आचार्य उदयवीर शास्त्री ने बड़े विस्तार से इसे कपिलप्रोक्त ' सांख्य ' के अर्थ में निरूपित किया।
- भारतीय दर्शन के उद्भट विद्वान् आचार्य उदयवीर शास्त्री का जन्म 6 जनवरी 1894 को बुलन्दशहर जिले के बनैल ग्राम में हुआ।
- आचार्य उदयवीर शास्त्री ने भोग विषयक अनिरुद्ध मत का भी विज्ञान भिक्षु की मान्यता से भेद का उल्लेख किया है * ।
- आचार्य उदयवीर शास्त्री ने इस प्रसंग को ' अनेन तथा अनुप्रवेश्य ' शब्दों के आधार पर परमात्मा तथा जीवात्मा दो चेतन तत्त्वों का अर्थ ग्रहण किया।
- उदयवीर शास्त्री के मत से वर्तमान काल में उपलब्ध षडध्यायी सांख्य-प्रवचन-सूत्र ही षष्ठि (साठ) पदार्थों का निरूपण करने के कारण “षष्ठितंत्र” के नाम से भी ज्ञात था।
- बाणभट्ट का समय हर्षवर्धन का समकालीन होने से 625 ई. माना जाता है और डॉ. उदयवीर शास्त्री जी के अनुसार शंकराचार्य का छह सौ वर्ष ईस्वी पूर्व।
- यदि किसी व्यक्ति को ये ६ शास्त्र पढने हैं तो कृपया करके महर्षि दयानंद सरस्वती के सहध्याई आर्य समाज के विद्वान् पंडित उदयवीर शास्त्री द्वारा व्याखित पढ़े.
- * ' लेकिन आचार्य ' उदयवीर शास्त्री ' गणनार्थक निष्पत्ति को युक्तिसंगत नहीं मानते ' क्योंकि अन्य दर्शनों में भी पदार्थों की नियत गणना करके उनका विवेचन किया गया है।
- उदयवीर शास्त्री के मत से वर्तमान काल में उपलब्ध षडध्यायी सांख्य-प्रवचन-सूत्र ही षष्ठि (साठ) पदार्थों का निरूपण करने के कारण “ षष्ठितंत्र ” के नाम से भी ज्ञात था।