उस्ताद अब्दुल करीम खाँ वाक्य
उच्चारण: [ usetaad abedul kerim khaan ]
उदाहरण वाक्य
- बचपन में ही उस्ताद अब्दुल करीम खाँ के रिकार्ड सुन कर उन्हीं के जैसा गवैया बनने की ठान ली और एक चम्मच घी के बहाने घर से भाग निकले।
- आज के अंक में प्रस्तुत की जाने वाली पारम्परिक ठुमरी-‘ पिया बिन नाहीं आवत चै न... ' के गायक उस्ताद अब्दुल करीम खाँ सम्पूर्ण भारतीय संगीत का प्रतिनिधित्व करते थे।
- ‘ स्वरगोष्ठी ' के ८ ९ वें अंक में हमने आपको सुप्रसिद्ध गायक उस्ताद अब्दुल करीम खाँ की आवाज़ में एक प्राचीन ठुमरी का अंश सुनवा कर आपसे दो प्रश्न पूछे थे।
- पण्डित गन्धर्व किराना घराना के संवाहक उस्ताद अब्दुल करीम खाँ के शिष्य और पण्डित भीमसेन जोशी, विदुषी गंगुबाई हंगल, पण्डित फिरोज दस्तूर, पण्डित वासवराज राजगुरु आदि महान संगीतज्ञों के गुरु थे।
- २-उस्ताद अब्दुल करीम खाँ की परम्परा में गाने वाले और सवाई गन्धर्व के ही शिष्य एक सुविख्यात गायक थे, जो पण्डित फिरोज दस्तूर के गुरु-भाई थे, जिनका पिछले वर्ष जनवरी में निधन हुआ था।
- आत्म-आविष्कृत ‘ मार्ग शास्त्रीय गायकी की दुनिया बनाया, उसमें उनका शुरू से रहा आया आध्यात्मिक रुझान और बीन तथा सारंगी जैसे वाद्यों की नाद-निर्मिति को, तथा जिस तीन ‘ शक्ति-त्रयी ' के शैलीगत वैशिष्ट से जोड़ा, वे थे-देवास के उस्ताद रजबअली खान, भिण्डी बाजार घराने के उस्ताद अमान अली खान और उस्ताद अब्दुल करीम खाँ.