ऋष्यशृंग वाक्य
उच्चारण: [ riseysherinega ]
उदाहरण वाक्य
- बाद में ऋष्यशृंग ने दशरथ की पुत्र कामना के लिए अश्वमेध यज्ञ तथा पुत्रकामेष्टि यज्ञ कराया।
- उनके पिता के क्रोध के भय से रोमपाद ने तुरन्त अपनी पुत्री शान्ता का हाथ ऋष्यशृंग को सौंप दिया।
- ऋष्यशृंग के आश्रम से अष्टावक्र, वसिष्ठ (जो राम के कुलगुरु थे) और राम की माताओं का संदेश लेकर आते हैं.
- ऋष्यशृंग के पैदा होने के तुरन्त बाद उर्वशी का धरती का काम समाप्त हो गया तथा वह स्वर्गलोक के लिए प्रस्थान कर गई।
- एक बार जब अंगदेश में अवर्षण हुआ तो इनसे कहा गया कि विभांडक ऋषि के पुत्र ऋष्यशृंग को निमंत्रित करने पर वृष्टि होगी।
- उनके एक मंत्री सुमन्त्र ने उन्हें सलाह दी कि वह यह यज्ञ अपने दामाद ऋष्यशृंग या साधारण की बोलचाल में शृंगि ऋषि से करवायें।
- ऋष्यशृंग या ऋंगी ऋषि वाल्मीकि रामायण में एक पात्र हैं जिन्होंने राजा दशरथ के पुत्र प्राप्ति के लिए अश्वमेध यज्ञ तथा पुत्रकामेष्टि यज्ञ कराये थे।
- अतः राजा ने ऋष्यशृंग को रिझाने के लिए देवदासियों का सहारा लिया क्योंकि ऋष्यशृंग ने जन्म लेने के पश्चात् कभी नारी का अवलोकन नहीं किया था।
- अतः राजा ने ऋष्यशृंग को रिझाने के लिए देवदासियों का सहारा लिया क्योंकि ऋष्यशृंग ने जन्म लेने के पश्चात् कभी नारी का अवलोकन नहीं किया था।
- राजा दशरथ ने पुत्रेष्टि यज्ञ के लिए कौशिकी तट निवासी विभांडक गौतम मुनि के पुत्र ऋष्यशृंग की उपलब्धता के लिए अंगराज लोमपाद की ही सहायता ली थी।