एकांत संगीत वाक्य
उच्चारण: [ aanet sengait ]
उदाहरण वाक्य
- आकुल अंतर ' की पुकार पर वैयक्तिक प्रणय के लिए ‘ मिलन यामिनी ' की प्रतीक्षा में ‘ एकांत संगीत ' के सहारे ‘ निशा निमंत्रण ' देना स्वीकार किया है उनको प्रोफ़ेसर महावीर सरन जैन की
- एकांत संगीत ' की ये पंक्तियाँ उनके निजी जीवन की ओर ही इशारा करती हैं-कितना अकेला आज मैं, संघर्ष में टूटा हुआ, दुर्भाग्य से लूटा हुआ, परिवार से लूटा हुआ, किंतु अकेला आज मैं.
- हरिवंश राय बच्चन के संपूर्ण साहित्य की सूची कविता संग्रहतेरा हार (1932) मधुशाला (1935) मधुबाला (1936) मधुकलश (1937) निशा निमंत्रण (1938) एकांत संगीत (1939) आकुल अंतर (1943) सतरंगिनी (1945) हलाहल (1946) बंगाल का काव्य (1946) खादी के फूल (1948) सूत की माला (1948)
- मन करता था कि उनके साथ चलूं, ढेर सारी बातें पूछूं,ढेर सारी बातें सुनूं लेकिन वे इतने चुप-चुप रहते थे कि उनके एकांत संगीत की लय में खलल डालने की हिम्मत नहीं होती थी.वक्त गुजरता रहा और मैं पंत जी को दूर से देखते हुए उनके साहित्य के निकट आता रहा.
- यह मनुष्य विषादकाव्य (निशानिमंत्रण, एकांत संगीत, आकुल अंतर) में अवसाद की कड़ी चोटें झेलता दिखाई देता है परंतु नीड़ उजड़ जाने पर भी हताश नहीं है तथा अपने शोक को इस प्रकार श्लोकत्व प्रदान करता है कि अनुभूति की सघनता और करुणा के योग से उसमें देवत्व को भी ललकार सकने वाली तेजस्विता जन्म लेती है।
- निशा-निमंत्रण ', ‘ प्रणय पत्रिका ', ‘ मधुकलश ', ‘ एकांत संगीत ', ‘ सतरंगिनी ', ‘ मिलन यामिनी ', ” बुद्ध और नाचघर ', ‘ त्रिभंगिमा ', ‘ आरती और अंगारे ', ‘ जाल समेटा ', ‘ आकुल अंतर ' तथा ‘ सूत की माला ' नामक संग्रहों में आपकी रचनाएँ संकलित हैं।
- तेरा हार (1932) मधुशाला (1935) मधुबाला (1936) मधुकलश (1937) निशा निमंत्रण (1938) एकांत संगीत (1939) आकुल अंतर (1943) सतरंगिनी (1945) हलाहल (1946) बंगाल का काव्य (1946) खादी के फूल (1948) सूत की माला (1948) मिलन यामिनी (1950) प्रणय पत्रिका (1955) धार के इधर उधर (1957) आरती और अंगारे (1958) बुद्ध और नाचघर (1958) त्रिभंगिमा (1961) चार खेमे चौंसठ खूंटे (1962) दो चट्टानें (1965) बहुत दिन बीते (1967)