ऐतरेय आरण्यक वाक्य
उच्चारण: [ aiterey aarenyek ]
उदाहरण वाक्य
- ऐतरेय आरण्यक का संबंध ऋग्वेद से रहा है इसमें पांच अध्याय हैं.
- इस शाखा के ऐतरेय ब्राह्मण, ऐतरेय आरण्यक तथा ऐतरेय उपनिषद् इत्यादि ग्रंथ उपलब्ध हैं।
- ऐतरेय आरण्यक अपने भीतर “ ऐतरेय उपनिषद् ” को भी अंतर्भुक्त किए हुए है।
- ऐतरेय आरण्यक के अन्तर्गत चतुर्थारण्यक के प्रवचनकर्ता आश्वलायन तथा पञ्चम के शौनक माने जाते हैं।
- ऐतरेय आरण्यक ऋग्वेद के इस आरण्यक के पांच भाग हैं, जिन्हें आरण्यक ही कहा जाता है।
- इसलिए यह निश्चित है कि ऐतरेय आरण्यक के तृतीय आरण्यकान्त भाग के प्रवचनकर्ता महिदास ऐतरेय ही हैं।
- महाव्रत आदि कृत्यों के सहित इसमें भी ऐतरेय आरण्यक के समान ही विषयों का विवेचन किया गया है।
- ४ ११) अथवा यज्ञमान लोकोऽमृतलोक: स्वर्गोलोक: के साथ किया जाता है (ऐतरेय आरण्यक ३.
- आरण्यकों में ऐतरेय आरण्यक, शांखायन्त आरण्यक, बृहदारण्यक, मैत्रायणी उपनिषद आरण्यक तथा तवलकार आरण्यक (इसे जैमिनीयोपनिषद ब्राह्मण भी कहते हैं)
- यह ऐतरेय आरण्यक के समान है तथा पंद्रह अध्यायों में विभक्त है जिसका एक अंश (तीसरे अ. से छठे अ.