कथानक रूढ़ि वाक्य
उच्चारण: [ kethaanek rudhei ]
उदाहरण वाक्य
- इसी स्तर पर कथानक अभिप्राय कथानक रूढ़ि में बदल जाता है लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि कथानक रूढ़ि मात्र रूढ़ि होकर रह जाती है।
- इसी स्तर पर कथानक अभिप्राय कथानक रूढ़ि में बदल जाता है लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि कथानक रूढ़ि मात्र रूढ़ि होकर रह जाती है।
- अब इसे महज संयोग कहा जाएगा या कथानक रूढ़ि सुन्नर दास के लड़के बारे में उन्होंने सोचना शुरू किया और वह उनका हालचाल पूछने आ गया।
- कथानक रूढ़ि जहाँ कथानक को गति या घुमाव देने अथवा चामत्कारिक ढंग से समाप्त करने आदि में असमर्थ रहती है वहाँ उसे कथारूढ़ि या मात्र रूढ़ि कहा जाएगा, कथानक रूढ़ि नहीं।
- कथानक रूढ़ि जहाँ कथानक को गति या घुमाव देने अथवा चामत्कारिक ढंग से समाप्त करने आदि में असमर्थ रहती है वहाँ उसे कथारूढ़ि या मात्र रूढ़ि कहा जाएगा, कथानक रूढ़ि नहीं।
- कथानक रूढ़ि जहाँ कथानक को गति या घुमाव देने अथवा चामत्कारिक ढंग से समाप्त करने आदि में असमर्थ रहती है वहाँ उसे कथारूढ़ि या मात्र रूढ़ि कहा जाएगा, कथानक रूढ़ि नहीं।
- कथानक रूढ़ि जहाँ कथानक को गति या घुमाव देने अथवा चामत्कारिक ढंग से समाप्त करने आदि में असमर्थ रहती है वहाँ उसे कथारूढ़ि या मात्र रूढ़ि कहा जाएगा, कथानक रूढ़ि नहीं।
- कथानक अभिप्राय के समान ही कथानक रूढ़ि का भी अभिप्रायपक्ष पूर्णरूपेण सक्रिय रहता है, कथा या आख्यान को आगे बढ़ाने, उसे कोई नवीन मोड़ देने या चामत्कारिक ढंग से समाप्त करने की उसकी क्षमता में कोई अंतर नहीं पड़ता।
- कथानक अभिप्राय के समान ही कथानक रूढ़ि का भी अभिप्रायपक्ष पूर्णरूपेण सक्रिय रहता है, कथा या आख्यान को आगे बढ़ाने, उसे कोई नवीन मोड़ देने या चामत्कारिक ढंग से समाप्त करने की उसकी क्षमता में कोई अंतर नहीं पड़ता।
- “सभावनाओं पर बल देने का परिणाम यह हुआ है कि हमारे देश के साहित्य में कथानक को गति और घुमाव देने के लिए कुछ ऐसे अभिप्राय बहुत दीर्घकाल से व्यवहृत होते आए हैं जो बहुत थोड़ी दूर तक यथार्थ होते हैं और जो आगे चलकर कथानक रूढ़ि में बदल गए हैं।