कर्णिकार वाक्य
उच्चारण: [ kernikaar ]
उदाहरण वाक्य
- वृक्ष-दोहद के संबंध में कर्णिकार को संयुक्त करने का कारण इस वृक्ष का स्त्री-सहचर होना लगता है ।
- उस विलास-वैभवी कर्णिकार (अमलतास) के आगे अगर स्त्रियां नृत्य करें तो वह पुष्पित हो जाता है।
- कुटज, कदंब, कचनार, कर्णिकार, कमल, केतकी, कनेर आदि के सब सूख गए हैं।
- प्रसिद्धि है कि यदि कर्णिकार वृक्ष के आगे स्त्रियाँ नृत्य करें तो प्रमुदित होकर वह पुष्पित हो उठता है ।
- देखते-देखते वहाँ धब, बाँस, अर्जुन, कर्णिकार, जामुन, अशोक आदि का एक विशाल गगनचुम्बी ढेर लग गया।
- कर्णिकार यदि अमलतास ही है तो वह है जरूर, लेकिन सिर से पैर तक नंग-धड़ंग ' अपर्ण श्री शाल ' ।
- वृक्ष-दोहद के सन्दर्भ में कर्णिकार (यही नाम तो व्यवहृत है अमलतास का संस्कृत साहित्य में) का उल्लेख देखा तो मन मचल उठा ।
- प्रायेण सामग्र्यविधौ गुणाना परांगमुखी विश्वसृजः प्रवृत्ति ॥ ” (कर्णिकार नामक पुष्प देखने में अत्यन्त सुन्दर होते हुए भी उनमें गंध के न होने से सहृदय पुरुषों के हृदय में उनपर तरस आती थी ।
- कोई कुसुंभी रंग से रंगे हुए दुकूल धारण करती थी तथा कोई-कोई कानों में नए कर्णिकार के फूल, नील अलकों में लाल अशोक के फूल तथा स्तनों पर उत्फुल्ल नवमल्लिका की माला पहनती थी।
- रामायण में वसंत-वर्णन के अवसर पर कर्णिकार के सुनहले पुष्पों का वर्णन मिलता है, राजशेखर वसंत में ही इसका प्रस्फुटित होना बताते हैं अपनी काव्य मीमांसा में और कालिदास ने भी वसंत में ही इन पुष्पों को खिलते देखा था ।