कर्ण पर्व वाक्य
उच्चारण: [ kern perv ]
उदाहरण वाक्य
- पश्चात् महाभारत (कर्ण पर्व 66) में कर्णर्जुन युद्ध के समय अश्वसेन ने कर्ण के बाण पर आरोहण किया।
- अथर्ववेद में अंग महाजनपद को अपवित्र माना जाता है, जबकि कर्ण पर्व में अंग को एक ऐसे प्रदेश के रूप में जाना जाता था जहां पत्नी और बच्चों को बेचा जाता है।
- अथर्ववेद में अंग महाजनपद को अपवित्र माना जाता है, जबकि कर्ण पर्व में अंग को एक ऐसे प्रदेश के रूप में जाना जाता था जहां पत्नी और बच्चों को बेचा जाता है।
- अथर्ववेद में अंग महाजनपद को अपवित्र माना जाता है, जबकि कर्ण पर्व में अंग को एक ऐसे प्रदेश के रूप में जाना जाता था जहां पत् नी और बच् चों को बेचा जाता है।
- देखिये बाल्मीकि रामायण में चारो वर्णों कि उत्पत्ति के विषय में उल्लेख है कि:-“मुखतो ब्राहमण! जाता,,उरस:क्षत्रियास्तथा! ऊरुभ्यां जज्ञिरेवैश्या:पद्भ्यां शूद्रा इति श्रुति!30!” ' अरण्य कांडे-चतुर्दश-सर्ग' महाभारत के कर्ण पर्व अध्याय-१३ के ३२ वे श्लोक को देखे:-” ब्राह्मणा ब्रह्मणा सृष्टा मुखात्क्षत्रमथोरस:! ऊरुभ्याम स्रुज्द्वैश्यान्शुद्रन्पदभ्यामिति श्रुति:!
- महाभारत के कर्ण पर्व अध्याय ३० स्लोक १० में एक बाहीक जो कुरु-जांगल देश में अपनि पत्नि को याद करता है कि कब वह सतलज नदि पार कर जायेगा और शमी, पिलु और करीर के वनों में जौ के सत्तु के बने लड्डू का बिना पानी के दही के साथ स्वाद ले सकेगा।
- महाभारत के कर्ण पर्व अध्याय ३० स्लोक १० में एक बाहीक जो कुरु-जांगल देश में अपनि पत्नि को याद करता है कि कब वह सतलज नदि पार कर जायेगा और शमी, पिलु और करीर के वनों में जौ के सत्तु के बने लड्डू का बिना पानी के दही के साथ स्वाद ले सकेगा।
- महाभारत में कुल १ ८ पर्व हैं (आदि पर्व, सभा पर्व, वन पर्व, विराट वरव, उद्योग पर्व, भीष्म पर्व, द्रोण पर्व, अश्वमेधिक पर्व, महाप्रस्थानिक पर्व, सौप्तिक पर्व, स्त्री पर्व, शांति पर्व, अनुशाशन पर्व, मौसल पर्व, कर्ण पर्व, शल्य पर्व, स्वर्गारोहण पर्व तथा आश्रम्वासिक पर्व).