कहीं किसी रोज़ वाक्य
उच्चारण: [ khin kisi roj ]
उदाहरण वाक्य
- गो कि मस्जिद अठारह साल पहले गिरा दी गयी थी, पर गिराने वालों को भी कहीं न कहीं लगता था कि वह अभी पूरी तरह गिरी नहीं है, मस्जिद का भूत मंडरा रहा था और यह डर भी कि कहीं किसी रोज़ यह अचानक जमीन फोड़कर प्रकट न हो जाए।
- एक बूँद कहीं किसी रोज़ एक बूँद गिरा आसमान से गिरते गिरते सोचा उसने कि जा गिरूँ किसी नदी में या झरने में काश कि गिरूँ समंदर में और समा जाऊं उनफ़ती लहरों में समेट लूं साड़ी कायनात गरज गरज कर कह दूं जमाने से दम है तो आ आजमा ले अपनी ताक़त कर ले अपने शिकस्त का यकीन.
- हज़ार राहें मुड के देखी, कहीं से कोई सदा ना आयी बड़ी वफ़ा से निभायी तुमने, हमारी थोड़ी सी बेवफ़ाई जहाँ से तुम मोड़, मुड़ गए थे, ये मोड़ अब भी वहीँ पडे हैं हम अपने पैरों मे जाने कितने, भँवर लपेटे हुये खड़े हैं कहीं किसी रोज़ यूं भी होता, हमारी हालत तुम्हारी होती जो रात हमने गुज़ारी मर के, वो रात तुमने गुज़ारी होती तुम्हें ये ज़िद थी कि हम बुलाते, हमे ये उम्मीद वो पुकारे हैं नाम होंठों पर अब भी लेकिन, आवाज़ मे पड़ गयी दरारे