कान्होजी आंग्रे वाक्य
उच्चारण: [ kaanhoji aanegar ]
उदाहरण वाक्य
- कान्होजी आंग्रे इन्होने भारत मे पहला बडा आरमार बनाया और इसलिये उन्हे भारतीय आरमार का जनक कहा जाता है ।
- उनके पिता तान्होजी आंग्रे भी छत्रपति शिवाजी की फ़ौज में नायक थे और कान्होजी आंग्रे का बचपन से ही मराठा फ़ौज के साथ सम्बन्ध रहा।
- उनके पिता तान्होजी आंग्रे भी छत्रपति शिवाजी की फ़ौज में नायक थे और कान्होजी आंग्रे का बचपन से ही मराठा फ़ौज के साथ सम्बन्ध रहा।
- इसके बाद के इतिहास में इस दुर्ग की और इस किनारे की रक्षा करने वालों में कान्होजी आंग्रे और उनके वंशजों का कार्य उल्लेखनीय है ।
- इसके बाद के इतिहास में इस दुर्ग की और इस किनारे की रक्षा करने वालों में कान्होजी आंग्रे और उनके वंशजों का कार्य उल्लेखनीय है ।
- कान्होजी आंग्रे (जन्म: अगस्त 1669, देहांत: 4 जुलाई 1729), जिन्हें सरख़ेल आंग्रे भी कहा जाता है, 18वी सदी ई॰ में मराठा साम्राज्य की नौसेना के सर्वप्रथम सिपहसालार थे।
- कान्होजी आंग्रे (जन्म: अगस्त 1669, देहांत: 4 जुलाई 1729), जिन्हें सरख़ेल आंग्रे भी कहा जाता है, 18वी सदी ई॰ में मराठा साम्राज्य की नौसेना के सर्वप्रथम सिपहसालार थे।
- शिवाजी की नौसैनिक परंपरा में ही मराठों ने आगे सशक्त नौसेना का निर्माण किया जिसके पराक्रमी नौसेनाध्यक्ष / सेनापति (दर्यासारंग) कान्होजी आंग्रे थे, जिनकी समुद्र पर इतनी धाक थी कि अँगरेज समुद्र पर मराठों से दूर ही रहते थे।
- अलिगाब तो वैसे एक मुसलमान व्यापारी “अली” द्वारा बनवाए हुए बागीचों और कुंवों के कारण नाम पड़ा था परन्तु वास्तविक ख्याति दिलाई शिवाजी महाराज के एक प्रमुख सेनानायक रहे कान्होजी आंग्रे ने जिन्होंने पुर्तगालियों और अंग्रेजों को लोहे के चने चबवाए.
- शिवाजी की नौसैनिक परंपरा में ही मराठों ने आगे सशक्त नौसेना का निर्माण किया जिसके पराक्रमी नौसेनाध्यक्ष / सेनापति (दर्यासारंग) कान्होजी आंग्रे थे, जिनकी समुद्र पर इतनी धाक थी कि अँगरेज समुद्र पर मराठों से दूर ही रहते थे।