कुतबन वाक्य
उच्चारण: [ kutebn ]
उदाहरण वाक्य
- कुतबन जायसी आदि इन प्रेम कहानी के कवियों ने प्रेम का शुरू मार्ग दिखाते हुए उन सामान्य दशाओं को सामने रखा जिनका मनुष्य मात्र के हृदय पर एकसा प्रभाव दिखाई पड़ता है।
- इसके अतिरिक्त पीली कोठी मुहल्ले में मुहम्मद शहीद की मजार और उनके नाम पर मुहम्मद शहीद मुहल्ला बसा है, इसी तरह यहीं पर कुतबन शहीद के नाम पर मुहल्ला कुतबन शहीद है।
- इसके अतिरिक्त पीली कोठी मुहल्ले में मुहम्मद शहीद की मजार और उनके नाम पर मुहम्मद शहीद मुहल्ला बसा है, इसी तरह यहीं पर कुतबन शहीद के नाम पर मुहल्ला कुतबन शहीद है।
- कुतबन, जायसी आदि इन प्रेम कहानी के कवियों ने प्रेम का शुद्ध मार्ग दिखाते हुए उन सामान्य जीवन दशाओं को सामने रखा जिनका मनुष्यमात्र के हृदय पर एक सा प्रभाव दिखाई पड़ता है।
- इनकी अन्य रचनाओं में “ अखरावट ' और ” आखिरी कलाम ' आदि हैं, जिनमें सूफी संप्रदायसंगत बातें हैं १ इस धारा के अन्य कवि हैं कुतबन, मंझन, उसमान, शेख, नबी, और नूर मुहम्मद आदि।
- कुतबन, मंझन, उस्मान, शेख नबी, जायसी, शेख फरीद, कबीर, रसखान, रसलीन, नवाज, रज्जब, आलम और मीन जाने कितने ही मुसलमान रचनाकारों ने न केवल हिंदी को अपनी अभिव्यक्ति के लिए चुना बल्कि भारतीय संस्कृति के श्रेष्ठ तत्त्वों को अंगीकार करने से भी संकोच नहीं किया।
- कुतबन, मंझन, उस्मान, शेख नबी, जायसी, शेख फरीद, कबीर, रसखान, रसलीन, नवाज, रज्जब, आलम और मीन जाने कितने ही मुसलमान रचनाकारों ने न केवल हिंदी को अपनी अभिव्यक्ति के लिए चुना बल्कि भारतीय संस्कृति के श्रेष्ठ तत्त्वों को अंगीकार करने से भी संकोच नहीं किया।
- Hindustan, 14 Sept. 2003: हिन्दी को ‘ हिन्दी, हिन्दू, हिन्दुस्तान ' के नारे के साथ जोड़ना सरासर गलत है | पहली बात तो यह कि हिन्दी सिर्फ हिन्दुओं की भाषा नहीं है | यदि यह हिन्दुओं की ही भाषा है तो अमीर खुसरो, रहीम, रसखान, मलिक मुहम्मद जायसी, कुतबन, मंझन, ताजबीबी, आलम, रसलीन आदी को क्या [...]
- एक ओर तो कट्टर और अन्यायी सिकंदर लोदी मथुरा के मंदिरों को गिरा कर मसजिदें खड़ी कर रहा था और हिंदुओं पर अनेक प्रकार के अत्याचार कर रहा था, दूसरी ओर पूरब में बंगाल के शासक हुसैनशाह के अनुरोध से, जिसने ' सत्य पीर ' की कथा चलाई थी, कुतबन मियाँ एक ऐसी कहानी ले कर जनता के सामने आए जिसके द्वारा उन्होंने मुसलमान होते हुए भी अपने मनुष्य होने का परिचय दिया।
- जिस प्रकार दूसरी जाति या मत वाले के हृदय हैं उसी प्रकार हमारे भी हैं, जिस प्रकार दूसरे के हृदय में प्रेम की तरंगें उठती हैं, उसी प्रकार हमारे हृदय में भी, प्रिय का वियोग जैसे दूसरे को व्याकुल करता है वैसे ही हमें भी, माता का जो हृदय दूसरे के यहाँ है वही हमारे यहाँ भी, जिन बातों से दूसरों को सुख-दु: ख होता है उन्हीं बातों से हमें भी, इस तथ्य का प्रत्यक्षीकरण कुतबन, जायसी आदि प्रेमकहानी के कवियों द्वारा हुआ।