कुलवंत सिंह विर्क वाक्य
उच्चारण: [ kulevnet sinh virek ]
उदाहरण वाक्य
- इस मौके पर वंडरलैंड के एमडी कुलवंत सिंह विर्क ने कहा कि आने वाले समय में भी लोगों को एंटरटेन करने के लिए इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया जाता रहेगा।
- संत सिंह सेखों, सुजान सिंह, दुग्गल, संतोख सिंह धीर, महिन्दर सिंह सरना, कुलवंत सिंह विर्क लेखक पंजाबी कहानी को विश्व स्तर की कहानी तक पहुँचाने में कामयाब रहे।
- कवियों में सबसे प्रसिद्ध मोहन सिंह माहिर और शिव कुमार बटालवी थे ; उपन्यासकारों में जसंवतसिंह कंवल, गुरदयाल सिंह और सोहन सिंह शीतल उल्लेखनीय हैं ; कुलवंत सिंह विर्क एक विख्यात लेखक हैं।
- ' पंजाबी की चर्चित लघु कथाएँ ', ' कथा पंजाब ', ' कुलवंत सिंह विर्क की चुनिंदा कहानियाँ ', ' तुम नहीं समझ सकते ' (जिंदर का कहानी संग्रह) इनके द्वारा अनूदित अन्य महत्वपूर्ण पुस्तकें हैं।
- अपनी बात को बेहद खूबसूरत ढंग से एक कलात्मक स्पर्श देते हुए कहने का अंदाज कुलवंत सिंह विर्क को बखूबी आता था, इसलिए उनकी कहानियों के पंजाबी में ही नहीं, हिंदी में भी बहुत से प्रशंसक आज भी मौजूद हैं।
- अनुवाद: काला दौर, पंजाबी की चर्चित लघुकथाएँ, कथा पंजाब-2, कुलवंत सिंह विर्क की चुनिंदा कहानियाँ, तुम नहीं समझ सकते, जख्म, दर्द और पाप, छांग्या रुक्ख, पाए से बँधा हुआ काल, रेत, साउथाल, शिकारगाह, धृतराष्ट्र सहित लगभग 18 किताबों का पंजाबी से हिंदी में अनुवाद
- भारत-पाक विभाजन पर आधारित जिन कहानियों ने मुझे बेहद प्रभावित किया और जिनका मैंने हिन्दी में अनुवाद किया, वे इस प्रकार हैं:-महिन्दर सिंह सरना की कहानी “छवियाँ दी रुत”, कुलवंत सिंह विर्क की कहानी “खब्बल”, गुरदेव सिंह रुपाणा की कहानी “शीशा”, मोहन भंडारी की कहानी “पाड़”।
- अब तक पंजाबी से हिंदी में अनूदित दस पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं जिनमें काला दौर, पंजाबी की चर्चित लघुकथाएं, कथा पंजाब-2, कुलवंत सिंह विर्क की चुनिंदा कहानियाँ, तुम नहीं समझ सकते (जिन्दर का कहानी संग्रह), पंजाबी के दलित युवा कवि व लेखक बलबीर माधोपुरी की आत्मकथा छांग्या रुक्ख आदि प्रमुख हैं।
- इसके अतिरिक्त पंज़ाबी की लगभग डेढ़ दर्जन पुस्तकों का हिंदी में अनुवाद प्रकाशित हुआ है जिनमें “ काला दौर ”, “ कथा पंजाब-2 ”, “ कुलवंत सिंह विर्क की चुनिंदा कहानियाँ ”, “ तुम नहीं समझ सकते (जिंदर का कहानी संग्रह) और बलबीर माधोपुरी की आत्मकथा-“ छांग्या-रुक्ख ” प्रमुख हैं।
- इसके अलावा, लगभग एक दर्जन पुस्तकों का पंजाबी से हिन्दी में अनुवाद जिनमें “ काला दौर ”, “ कथा पंजाब-2 ” “ कुलवंत सिंह विर्क की चुनिंदा कहानियाँ ”, “ पंजाबी की चर्चित लघुकथाएं ”, “ छांग्या रुक्ख ” (दलित आत्मकथा) और “ रेत ” (उपन्यास-हरजीत अटवाल) प्रमुख हैं।