कूप जल वाक्य
उच्चारण: [ kup jel ]
"कूप जल" अंग्रेज़ी में
उदाहरण वाक्य
- तरावड़ी-!-गांव पड़वाला में सोमवार दोपहर तीन बजे आग लगने से चार बटोड़े व चार तुड़ी के कूप जल गए।
- लोकजीवन में भाषायी शुद्धता और उसके विकास को रेखांकित करती एक कहावत पर गौर करें-संस्किरत है कूप जल, भाखा बहता नीर।
- कबीर संस्कृत को ' कूप जल ' और ' भाखा ' (ब्रज भाषा) को ' बहता नीर ' मानते थे.
- संसकिरत है कूप जल, भाखा बह्ता नीर ' लिखकर कबीर ने संस्कृत जैसी समृद्ध भाषा की तुलना में भाखा का वर्चस्व घोषित किया।
- कबीर जब कहते हैं कि ' संसकिरत भाषा कूप जल, भाखा बहता नीर ' तो वे एक अन्तर्विरोध की ओर संकेत करते हैं।
- उनके ही शब्दों में कहें तो अपरूप था. ' कबीर ने बाद में ‘ संसकिरत है कूप जल, भाखा बहता नीर कहा. '
- जब कबीरदास ने कहा था कि-संसकिरत है कूप जल भाषा बहता नीर-तब वे किसी भाषा या लिपि के प्रति पक्षधरता न करते हुए ऐसी पक्षधरताओं को ठुकरा रहे थे।
- कम-से-कम इसका संस्कृतवाला अंश तो कबीर का लिखा हुआ नहीं ही हो सकता है क्योकि कबीर अनपढ़ थे और संस्कृत के विरोधी भी. उन्होंने तो स्पष्ट घोषणा की थी कि संस्कीरत है कूप जल भाखा बहता नी र.
- मैंने भाषा के इतिहास को पढ़ते समय देखा कि संस् कृत अपनी क्लिष् टता के कारण लुप् त हो गई और उसके स् थान पर भाषा (भाखा) आ गई (संस् कीरत है कूप जल भाखा बहता नीर-कबीर) ।
- यदि यह मान लिया जाय कि यह पंक्ति कबीर की ही है कि-“ संसकिरत है कूप जल, भाखा बहता नीर ” तो यह भी मानना होगा कि कबीर ने संस्कृत जैसी समृद्ध भाषा की तुलना में ' भाखा ' के वर्चस्व और एक बड़े जनाधार को स्वीकार किया है.