कृत युग वाक्य
उच्चारण: [ kerit yuga ]
उदाहरण वाक्य
- कृत युग में गणेश जी का वाहन सिंह है, वे दस भजा वाले, तेज स्वरूप और विशालकार्य तथा सबको वर देने वाले हैं।
- उत्तरकाण्ड के १४वें अध्याय में लिखा हैकि कृत युग मेंकेवल ब्राह्मण लोग ही तपस्या करते थे; त्रेता युग में क्षत्री लोग उत्पन्नहुए और तब आधुनिक चार जातियां बनीं.
- व्यवसायों की भिन्नता ही उसका कारण थी. वायुपुराणमें लिखा है कि--आदि या कृत युग में जाति-भेद नहीं था और इसके उपरान्तब्रह्मा ने मनुष्यके कार्य के अनुसार उनमें भेद किया.
- पुराणों में ब्रह्मांडीय परम्परा को लेकर चार युग, कृत युग, त्रेता, द्वापर और कलयुग के बाद संसार या विश्व के महाप्रलय की बात कही गई है.
- युगों की काल गणना इस प्रकार है कि कृत युग में चार हजार वर्ष, त्रेता युग में तीन हजार, द्वापर में दो हजार और कलियुग में एक हजार वर्ष ।
- कृत युग में पूरे संसार को नष्ट करने वाला तूफान उठा, उसे देख जगत रक्षक श्री हरि भगवान विष्णु चिंतातुर हुए और सौराष्ट्र में स्थित हरिद्रा सरोवर के समीप जाकर उन्होंने तपस्या की।
- वैदिक युग (कृत युग) पूर्व की प्रकृति, सत्य, प्रकाश, जो वैदिक वाङ्मय का आधार है, चैतन्य ज्योति के मूल स्रोतों को कबीर ने लक्ष्य किया और वाणी दी।
- व्यासजी ने गंभीर होकर कहा, ” कृत युग में दस वर्ष पर्यंत जप, तप उपवास आदि करने पर जो फल मिल सकता है वह त्रेतायुग में एक ही वर्ष में प्राप्त होता है।
- कृत युग में जहां जप, तप, व्रत, उपवास, तीर्थाटन, दान-पुण्य, सदाचरण और सत्यकर्मो से जो पुण्य प्राप्त होता था, वह कलियुग में थोड़े से प्रयत्न से ही संभव होगा।
- पर चक्रावर्तन के आरम्भ से चलें तो लक्ष्य करते हैं कि पहला, सबसे दूर का युग कृत युग है जो सबसे लम्बा है (17,28,000 वर्ष) ; दूसरा, त्रेता, उससे छोटा (12,96,000 वर्ष), तीसरा द्वापर, और छोटा (8,64,000) और वर्तमान कलि, सबसे छोटा (4,32,000 वर्ष) ।