कृष्णाश्रयी शाखा वाक्य
उच्चारण: [ kerisenaasheryi shaakhaa ]
उदाहरण वाक्य
- ज्ञानाश्रयी शाखा, प्रेमाश्रयी शाखा, कृष्णाश्रयी शाखा और रामाश्रयी शाखा, प्रथम दोनों धाराएं निर्गुण मत के अंतर्गत आती हैं, शेष दोनों सगुण मत के।
- कृष्णाश्रयी शाखा के प्रमुख कवि [[सूर]] दास, [[नंददास]], [[मीरां]] बाई, [[हितहरिवंश]], [[हरिदास]], [[रसखान]], [[नरोत्तमदास]] आदि थे।
- इसके अलावा कृष्णाश्रयी शाखा के भी कवियों की परंपरा थी जो बाबर के ही युग की है जिनमें सूरदास, नंददास, कृष्णदास, कुंभनदास, छीतस्वामी, मीराबाई इन सबने बाबरी मस्जिद के संदर्भ में उन सब बातों को नहीं उठाया, जिनका नागरजी ने मानस का हंस में जिक्र किया है।
- बाबर अगर मूर्ति तोड़क, हिंदू विरोधी एवं मंदिर तोड़क था तो अपनी राजधानी आगरा के पास मथुरा में मौजूदा मंदिरों को उसने क्यों नहीं तोड़ा? बाबर जब भारत आया था कृष्णाश्रयी शाखा के संतों का आंदोलन चरमोत्कर्ष पर था, अगर उसने हिंदुओं पर अत्याचार किए थे, मंदिर तोड़े थे तो उन सबका जिक्र तत्कालीन लेखकों की रचनाओं में क्यों नहीं है?