खरतरगच्छ वाक्य
उच्चारण: [ khertergachechh ]
उदाहरण वाक्य
- गुरु की आज्ञा की अवहेलना न करें श्री जैन श्वेतांबर खरतरगच्छ संघ की ओर से शास्त्रीनगर स्थित सिद्धार्थ पैलेस में गुरु पूर्णिमा समारोह रखा गया।
- वहां जैन शासन के गौरव, मरूभूमि के लाडले, बहुमुखी प्रतिभा के धनी, खरतरगच्छ के संत उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व की महक सदियों तक बनी रहेगी ।
- समारोह में शामिल हुए जयपुर खरतरगच्छ संघ के संयुक्त मंत्री राजेन्द्र बोहरा, कोटा के विमल चंद धारीवाल, अजीज चंडालिया, जैन महासभा कोलकाता के रूपचंद सावनसुखा, जीतो के फाउंडर सदस्य व महावीर इंटरनेशनल
- इसे भी गच्छ के प्रति अत्यन्त अनुराग ही कहना होगा कि अनेक वर्षों तक प्रतिदिन अन्यगच्छीय आचार्यों के प्रवचन सुनकर वैराग्यवासित बनने पर भी खरतरगच्छ की समृद्ध परम्परा में दीक्षा लेने का स्वप्न साकार किया।
- खरतरगच्छ पट्टावली में उल्लेख मिलता है कि विमल मंत्री ने तेरह सुलतानों के छत्रों का अपहरण किया था ; चन्द्रावती नगरी की नींव डाली थी, तथा अर्बुदाचल पर ऋषभदेव का मंदिर निर्माण कराया था।
- जैन श्वेताबर खरतरगच्छ संघ की प्रवर्तनी, महामांगलिक प्रदात्री वरिष्ठ साध्वी चन्द्रप्रभा की प्रेरणा से शिवबाड़ी के गंगेश्वर पाश्र्वनाथ मंदिर का खनन मुर्हूत एवं शिलान्यास का आयोजन जैन विधि अनुसार भक्ति संगीत के साथ शुक्रवार को हुआ।
- खरतरगच्छ के धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थलों की वर्षो-वर्षों अर्थात् सदियों तक देखभाल करने के लिये पालीताणा में आपने जिनदत्त कुशलसूरि खरतरगच्छ पेढी को करोड रूपयों की स्थाई फण्ड से शुभारम्भ कर इतिहास में अद्वितीय कार्य किया है ।
- खरतरगच्छ के धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थलों की वर्षो-वर्षों अर्थात् सदियों तक देखभाल करने के लिये पालीताणा में आपने जिनदत्त कुशलसूरि खरतरगच्छ पेढी को करोड रूपयों की स्थाई फण्ड से शुभारम्भ कर इतिहास में अद्वितीय कार्य किया है ।
- जब पुत्र मीठालाल चौदह वर्ष का और विनला दस वर्ष की हुई तब रोहिणी ने अपने आत्म कल्याण के लिये जैन भगवती दीक्षा ग्रहण कर साध्वी श्री रतनमाला बन गई और पुत्र-पुत्री को भी वि. सं. २ ० ३ ० आषाढ कृष्णा सप्तमी को जैन तीर्थ पालीताणा महातीर्थ पर खरतरगच्छ के मुनि श्री कांतिसागरजी (बाद में आचार्य) से दीक्षा दिलवा दी ।
- प्रियंका चौधरी, खरतरगच्छ संघ के अध्यक्ष मागंीलाल मालू, उपाध्यक्ष भूरचंद सखलेषा, अचलगच्छ संघ के अध्यक्ष बंषराज वडेरा, तैरापंथ समाज के अध्यक्ष सोहनलाल गोलेछा, ब्रधचर ट्रस्ट के अध्यक्ष दानमल डूंगरवाल, स्थानक वासी के दिनेष लूणीया, नाकौड़ा ट्रस्टी रतनलाल संखलेषा, रतनलाल बोहरा, वीरचंद वडेरा, हंसराज कोटड़ीया, लूणकरण बोथरा, तथा हस्तीमल बोथरा, मांगीलाल वडेरा, हस्तीमल सिंघवी, शंकरलाल पड़ार्इया, सुनिल छाजे ड.