गंगाधर मेहेर वाक्य
उच्चारण: [ ganegaaadher meher ]
उदाहरण वाक्य
- बुनकर परिवार में जन्मे स्वाभाव कवि गंगाधर मेहेर ने अपने वृत्तिागत प्रथा को काफी महत्व दिया।
- गंगाधर मेहेर ने राधानाथ जी की तरह काव्य लिखने के साथ-साथ छोटी-छोटी लिरिक कविताओं की भी रचना की।
- राधानाथ युग के अन्य प्रसिद्ध कवि हैं गंगाधर मेहेर, पल्लीकवि नंदकिशोर वल, (प्राबंधिक और संपादक) विश्वनाथ कर, व्यंगकार गोपाल चंद्र प्रहराज आदि।
- राधानाथ युग के अन्य प्रसिद्ध कवि हैं गंगाधर मेहेर, पल्लीकवि नंदकिशोर वल, (प्राबंधिक और संपादक) विश्वनाथ कर, व्यंगकार गोपाल चंद्र प्रहराज आदि।
- सत्य-शिव-सुन्दर के परम उपासक और अनन्य व्याख्याकार यशस्वी सारस्वत शिल्पी गंगाधर मेहेर वास्तव में सभी सहृदयों और साहित्य-प्रेमियों के आदरणीय हैं ।
- ओड़िया के प्रसिद्ध कवि गंगाधर मेहेर का जन्म ९ अगस्त १८६२ को सम्बलपुर में हुआ था और उनका देहावसान ४ अप्रैल १९२४ को|
- संस्कृत के महाकवि कालिदास और अंग्रेजी के वाड्वाा र्थ की भाँति गंगाधर मेहेर ओड़िआ साहित्य के ' प्रकृति-कवि ' माने जाते हैं ।
- गुण-दोष-विचार के बारे में ओड़िआ-साहित्य के प्रकृति-कवि गंगाधर मेहेर की एक पंक् ति उल्लेखयोग्य है, जो ' तपस्विनी ' काव्य से ली गयी है ।
- राधानाथ जी की इस धारा को उस जमाने के जिन तीन कवियों ने आगे बढाया, उनके नाम हैं मधुसूदन राव, गंगाधर मेहेर (1862-1924) एवं नन्द किशोर बल (1885-1928) ।
- इसमें खल्लिकोट राजा हरिहर मर्दराज, पारला महाराज कृष्णचंद्र गजपति, कर्मवीर गौरीशकर राय, कविवर राधानाथ राय, भक्तकवि मधुसूदन राव, पल्लीकवि नन्दकिशर बल, स्वभावकवि गंगाधर मेहेर और कई विशिष्ट व्यक्तिगणों का सक्रिय योगदान सतत स्मरणीय रहेगा।