गान्धर्व महाविद्यालय वाक्य
उच्चारण: [ gaaanedherv mhaavideyaaley ]
उदाहरण वाक्य
- इन शाखाओं में प्रबन्ध की एकरूपता स्थापित करने की दृष्टि से दिसम्बर १९३१ ई. में ‘अखिल भारतीय गान्धर्व महाविद्यालय मण्डल' की स्थापना पं नारायण मोरेश्वर खरे एवं पं.
- इन शाखाओं में प्रबन्ध की एकरूपता स्थापित करने की दृष्टि से दिसम्बर १९३१ ई. में ‘अखिल भारतीय गान्धर्व महाविद्यालय मण्डल' की स्थापना पं नारायण मोरेश्वर खरे एवं पं.
- इसके लिए सुव्यवस्थित अभ्यास क्रम तथा सुसंस्कृति निर्व्यसनी एवं चरित्रवान, कुशल संगीत शिक्षकों का प्रबन्ध भारत के बड़े-बड़े शहरों में स्थापित गान्धर्व महाविद्यालय की अनेक शाखाओं के लिए किया गया।
- इसके लिए सुव्यवस्थित अभ्यास क्रम तथा सुसंस्कृति निर्व्यसनी एवं चरित्रवान, कुशल संगीत शिक्षकों का प्रबन्ध भारत के बड़े-बड़े शहरों में स्थापित गान्धर्व महाविद्यालय की अनेक शाखाओं के लिए किया गया।
- सदस्य राम नारायण मिश्र, राम स्वरूप भास्कर, कृष्ण मित्र, व्यापार कर अध्किारी राजनाथ तिवारी तथा प्रबन्ध्क ओ० पी० पुरोहित आदि के साथ-साथ गान्धर्व महाविद्यालय के रंगकर्मियों ने भी बड़ी संख्या में भाग लिया।
- गान्धर्व महाविद्यालय मंडल की सफलता का अनुमान इस बात से लगाया जा सकताहै कि प्रारम्भिक से लेकर विशारद, अलंकार एवं आचार्य स्तर की परीक्षा तकगान्धर्व महाविद्यालय के लगभग ४५० केन्द्रों की ओर से लगभग तीस हजारपरीक्षार्थी प्रतिवर्ष परीक्षा देते हैं.
- गान्धर्व महाविद्यालय मंडल की सफलता का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रारम्भिक से लेकर विशारद, अलंकार एवं आचार्य स्तर की परीक्षा तक गान्धर्व महाविद्यालय के लगभग ४५० केन्द्रों की ओर से लगभग तीस हजार परीक्षार्थी प्रतिवर्ष परीक्षा देते हैं।
- गान्धर्व महाविद्यालय मंडल की सफलता का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रारम्भिक से लेकर विशारद, अलंकार एवं आचार्य स्तर की परीक्षा तक गान्धर्व महाविद्यालय के लगभग ४५० केन्द्रों की ओर से लगभग तीस हजार परीक्षार्थी प्रतिवर्ष परीक्षा देते हैं।
- गान्धर्व महाविद्यालय मंडल की सफलता का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रारम्भिक से लेकर विशारद, अलंकार एवं आचार्य स्तर की परीक्षा तक गान्धर्व महाविद्यालय के लगभग ४५० केन्द्रों की ओर से लगभग तीस हजार परीक्षार्थी प्रतिवर्ष परीक्षा देते हैं।
- गान्धर्व महाविद्यालय मंडल की सफलता का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रारम्भिक से लेकर विशारद, अलंकार एवं आचार्य स्तर की परीक्षा तक गान्धर्व महाविद्यालय के लगभग ४५० केन्द्रों की ओर से लगभग तीस हजार परीक्षार्थी प्रतिवर्ष परीक्षा देते हैं।