गीतकार प्रदीप वाक्य
उच्चारण: [ gaitekaar perdip ]
उदाहरण वाक्य
- सचिन देव बर्मन, गीतकार प्रदीप और बांबे टाकीज के सावक वाच्छा ने उन्हें सलाह दी कि वह पाश् र्र्वगायक के रूप में ही आगे बढ़ें।
- इसके बाद गीतकार प्रदीप के वाणी से मन्ना दा के बारे में सुनिये और उनका लिखा हुआ बेहद लोकप्रिय हुअ ये गीत उपर गगन विशाल, नीचे गहरा पाताल ….
- इन लोगों का कम्पनी से हट जाने के कारण देविका रानी को अधिक चिन्ता नहीं थी, किन्तु, अभिनेता अशोक कुमार और गीतकार प्रदीप जी के हट जाने से वह बहुत चिन्तित थीं।
- सालों साल पहले गीतकार प्रदीप का लिखा एक गीत था ' देख तेरे संसार की हालत क्या हो गई भगवान सूरज न बदला चांद न बदला ना बदला रे आसमान कितना बदल गया इनसान!!!!...
- बकौल अनिल दा, शुरूआत में उन्हें गुटबाज़ी का सामना करना पड़ा और गीतकार प्रदीप तक ने उन्हें नीचा दिखाने की कोशिश की मगर उनके एक गाने की धुन बनाकर वे उनका दिल जीतने में कामयाब रहे।
- गीतकार प्रदीप के भावपूर्ण साहित्यिक शब्दों को बर्मन दादा के प्रयाण गीत की शक्ल में आस्था भाव से युक्त संगीत का आधार मिला और जब यह गीत मन्ना डे के अर्थपूर्ण स्वरों में ढला तो गीत ज़बरदस्त हिट हुआ।
- इसलिये उस दौर में जब वी. शांताराम से लेकर गीतकार प्रदीप की मान्यता किसी भी स्वंयसेवक से ज्यादा की थी, तब भी गोलवरकर ने यही माना कि राष्ट्रवाद को जगाने के लिये समाज के कंघे से कंघा मिलाकर चलना होगा।
- इस स्टूडियों और संस्था ने अभिनेता-लेखक-निर्देशक किशोर शाह, कॉमेडियन महमूद के पिता और डांस डाइरेक्टर मुमताज अली, अभिनेत्री स्नेहलता प्रधान, चरित्र अभिनेता नाना पलसीकर, लेखक-पत्रकार-फिल्म निर्देशक ख्वाजा अहमद अब्बास, गायिका-अभिनेत्री सुरैया, अमिय चक्रवर्ती तथा महान गीतकार प्रदीप कुमार जैसे नाम दिए हैं.
- फिल्म ' चमकी ' में मुकेश ने गीतकार प्रदीप का लिखा गीत-“ कैसे ज़ालिम से पड़ गया पाला... ” तथा फिल्म ' तमाशा ' में लता मंगेशकर ने मन्ना डे के संगीत निर्देशन में गीत-“ क्यों अँखियाँ भर आईं भूल सके न हम.... ” गाया | इस गीत को भरत व्यास ने लिखा है | आइए मन्ना डे की संगीत-रचना-कौशल का उदाहरण सुनते हुए आगे बढ़ते हैं |