गीतांजली श्री वाक्य
उच्चारण: [ gaitaanejli sheri ]
उदाहरण वाक्य
- गीतांजली श्री ने कुछ वर्ष पूर्व हमारा शहर उस बरस उपन्यास लिखकर सांप्रदायिक दंगों के कारण दांपत्य संबंधों में तनाव और व्यक्ति की असुरक्षा के प्रश्नों को उठाया था।
- राजेन्द्र यादव, कमलेश्वर, उदयप्रकाश, विनोद कुमार शुक्ल, पंकज बिष्ट, शशांक, अलका सरावगी, गीतांजली श्री आदि की कलाकृतियों में अमूर्तन महत्वपूर्ण ढंग से हुए भी हैं।
- स्विट्सरलैंड के लोजन विश्वविद्यालय के डॉ निकोला पोजा गीतांजली श्री का अनुवाद प्रस्तुत कर रहे हैं, इटली के तोरीनों (टचुरिन) विश्वविद्यालय की डॉ आलेस्संद्रा कोनसोलारो कुणाल सिंह की कहानी प्रेमकथा में मोजे की भूमिका पर काम कर रही हैं।
- स्विट्सरलैंड के लोजन विश्वविद्यालय के डॉ निकोला पोजा गीतांजली श्री का अनुवाद प्रस्तुत कर रहे हैं, इटली के तोरीनों (टचुरिन) विश्वविद्यालय की डॉ आलेस्संद्रा कोनसोलारो कुणाल सिंह की कहानी प्रेमकथा में मोजे की भूमिका पर काम कर रही हैं।
- शिविर के अंतरगत सुषम वेदी की कहानी अवसान, उपन्यास हवन और मैंने नाता तोड़ा के अंश, असगर वजाहत के नाटक जिस लाहौर नइ देख्या जो जम्याइ नइ, गीतांजली श्री के उपन्यास खाली जगह के कुछ अंश, कुणाल सिंह की कहानी प्रेमकथा में मोजे की भूमिका और राहुल सांकृत्यायण की कहानी सुदास का विश्लेषण और अनुवाद किया जाएगा।
- शिविर के अंतरगत सुषम वेदी की कहानी अवसान, उपन्यास हवन और मैंने नाता तोड़ा के अंश, असगर वजाहत के नाटक जिस लाहौर नइ देख्या जो जम्याइ नइ, गीतांजली श्री के उपन्यास खाली जगह के कुछ अंश, कुणाल सिंह की कहानी प्रेमकथा में मोजे की भूमिका और राहुल सांकृत्यायण की कहानी सुदास का विश्लेषण और अनुवाद किया जाएगा।
- इस क्रम में अनुराधा कपुर ने ‘ सुंदरी एन एक्टर प्रिपेयर्स ', ‘ उमराव जान ', ‘ गोरा ' इत्यादि जैसी प्रस्तुतियां की जिनका आलेख गीतांजली श्री (कथाकार) ने लिखा था [6]. इसी तरह अमाल अल्लाना ने ‘ नटी विनोदिनी ' और नीलाभ द्वारा ‘ हिम्मतमाई ' के नाम से अनुवादित ब्रेख्त के नाटक ‘ मदर करेज ' की प्रस्तुति की थी.
- हिंदी से जर्मन में अब तक जिन साहित् यकारों की कृतियां अनुदित हुई हैं अथवा हो रही है, उनमें कबीर, प्रसाद, पंत, निराला, महादेवी, प्रेमचंद, अज्ञेय, भीष् म सा हनी, मोहन राकेश, रेणु, वृंदावनलाल वर्मा, श्रीलाल शुक् ल, निर्मल वर्मा, अलका सरावगी, बेबी हलधर, उदय प्रकाश, गंगा प्रसाद ‘ विमल ', ओमप्रकाश वाल्मिकि, गीतांजली श्री इत् यादि का नाम प्रमुखता से लिया जा सक ता है।